स्वास्थ्य

Dengue Malaria : बरसात के मौसम में डेंगू, मलेरिया का होता है खतरा, बचनें करें ये उपाय

Chhattisgarh News : जन-जागरुकता और जानकारी की कमी के कारण हर साल कई लोग डेंगू (Dengue Malaria) बुखार की चपेट में आ जाते हैं। जल जमाव और अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में बरसात के पानी की सही निकासी नहीं होने के कारण गंदगी का फैलाव डेंगू के प्रसार का सबसे बड़ा कारण है। डेंगू के प्रति सचेत रहें, घर के आसपास पानी का जमाव न होने दें। इससे मच्छर नहीं पनपेगा और डेंगू से बचाव होगा।

डेंगू (Dengue Malaria) के शुरुआती लक्षण सामान्य बुखार या वायरल बुखार से मिलते-जुलते होते हैं, जिस वजह से लोग इसे अनदेखा कर देते हैं और जब तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ने लगती है, तब डॉक्टर के पास पहुंचते हैं। इस लापरवाही और जानकारी की कमी की वजह से लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। बारिश के मौसम में अगर आपको बुखार, सिर में तेज दर्द जैसी समस्याएं लगातार कई दिनों से बनी हुई हैं, तो तुरंत डेंगू का टेस्ट कराएं।

संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि डेंगू (Dengue Malaria) एडीस नामक मच्छर के काटने से होता है और यह मच्छर साफ पानी में पनपता है। यह मच्छर सामान्यतः दिन में काटता है एवं यह स्थिर पानी जैसे कूलर, टंकी या घर में खुले में रखे बर्तन जिसमें कई दिनों से पानी बदला न गया हो या अन्य कोई जगह जहाँ पानी जमा हुआ हो, वहाँ यह पनपता है। इसलिए घरों में उपयोग किए जाने वाले कूलर, टंकी या अन्य बर्तन आदि को जहाँ पानी जमा होता हो, उसे सप्ताह में एक दिन ड्राई-डे मनाते हुए पानी को पूरा बदलना चाहिए।

डेंगू के लक्षण : डॉ. मिश्रा ने बताया की बरसात शुरू होते ही मच्छरजनित रोगों जैसे डेंगू (Dengue Malaria) का खतरा बढ़ जाता है। तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द, जी मचलाना एवं उल्टी होना, आँख के पीछे दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, नाक, मसूढ़ों से रक्तस्त्राव, काला मल का आना आदि डेंगू के लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण हों तो अपने निकटतम शासकीय स्वास्थ्य केंद्र जाकर डेंगू की जाँच अवश्य कराएँ। डेंगू का असर शरीर में तीन से नौ दिनों तक रहता है। इससे शरीर में अत्यधिक कमजोरी आ जाती है और शरीर में प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगता है। इन लक्षणों के प्रति सावधान रहने की जरूरत है।

डेंगू से बचाव : डेंगू (Dengue Malaria) से बचाव के लिए घर में साफ-सफाई का ध्यान रखें व कूलर, गमले, बर्तन आदि में पानी जमा न होने दें या पानी रोज बदलें। सोते समय दिन हो या रात मच्छरदानी का उपयोग करें। पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहने एवं कमरों की साफ़-सफाई के साथ उसे हवादार रखें। घर के आसपास गंदगी जमा न होने दें। जमा पानी एवं गंदगी पर कीटनाशक का प्रयोग करें। खाली बर्तन, टायर व पुराने बर्तन, फूलदान एवं अन्य समानों में पानी जमा न होने दें। जमे हुए पानी में मच्छर के लार्वा दिखने पर लर्विसायिड या मिट्टी का तेल डालें, 24 घंटे के बाद इस पानी को फेंके। मच्छरों से बचने घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली जरूर लगाएं। डेंगू के लक्षण मिलने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर स्वास्थ्य की जाँच कराएँ।

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