Chhattisgarh Forest News : बलौदाबाजार वनमंडल में चीतल की संदिग्ध मौत (Deer Death Case) के बाद विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। मृत वन्यजीव को बिना पोस्टमार्टम और उच्च अधिकारियों की अनुमति के दफनाने के आरोप में दो वनकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। वनमंडलाधिकारी गणवीर धम्मशील ने घटना को गंभीर लापरवाही मानते हुए कार्रवाई की पुष्टि की है।
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बिना प्रक्रिया के दफनाया गया था मृत चीतल
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 23 अक्टूबर 2025 को बलौदाबाजार वनमंडल के अर्जुनी परिक्षेत्र के दक्षिण महराजी परिसर में एक मादा चीतल मृत पाई गई थी। मामले की जांच में पता चला कि वनरक्षक ने मृत चीतल को उच्च अधिकारियों को सूचित किए बिना और बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Deer Death Case) तैयार किए दफना दिया।


जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि चीतल को पहले एक स्थान पर दफनाने के बाद पुनः दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर फिर से दफनाया गया। यह पूरी प्रक्रिया वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के नियमों के विपरीत पाई गई।
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दो वनकर्मी निलंबित, जांच शुरू
घटना की जानकारी मिलते ही वनमंडलाधिकारी ने वनरक्षक राजेश्वर वर्मा और नरोत्तम पैंकरा को कर्तव्य की उपेक्षा और अनुशासनहीनता के आरोप में तत्काल निलंबित कर दिया। साथ ही, मामले की विस्तृत जांच के लिए उप वनमंडल अधिकारी कसडोल को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
भविष्य में ऐसी गलती न दोहराने के निर्देश
वनमंडलाधिकारी गणवीर धम्मशील ने सभी परिक्षेत्र अधिकारियों को निर्देश दिया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए नियमित निगरानी, त्वरित सूचना और रिपोर्टिंग प्रणाली को सुदृढ़ किया जाए। इसके अलावा सभी क्षेत्रों में वन्यजीव गश्ती दलों ( (Deer Death Case)) की जिम्मेदारी और सतर्कता बढ़ाने के भी निर्देश जारी किए गए हैं।
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विभागीय सूत्रों ने बताया कि वन्यजीवों की मौत या घायल होने की प्रत्येक घटना में अब अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के बाद ही अंतिम कार्रवाई की जाएगी। यह कदम पारदर्शिता सुनिश्चित करने और भविष्य में (Deer Death Case) जैसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उठाया गया है।

			






		
		
		
		