जगदलपुर। दंतेवाड़ा में बुधवार को नक्सली हमले में 10 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। ये जवान डीआरजी यूनिट के थे। इनके अलावा इनकी गाड़ी के ड्राइवर की भी हमले में मौत हुई है। इनकी टीम बारिश में फंसे सुरक्षा बलों को रेस्क्यू करने जा रही थी। इसी दौरान नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट में पुलिसकर्मियों का वाहन उड़ा दिया। हमला दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र में अरनपुर-समेली के बीच हुआ। सूत्रों के मुताबिक यहां पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ भी हुई है। इसी मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने वाहन पर बम फेंका था। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा- मौके पर सीनियर ऑफिसर्स भेजे गए हैं। इलाके में सर्चिंग ऑपरेशन जारी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात कर नक्सली हमले में वीर गति को प्राप्त 10 डीआरजी (जिला रिजर्व गार्ड) जवानों की जानकारी ली। उन्होंने मुख्यमंत्री को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।
ये जवान हुए शहीद : हेड कांसटेबल जोगा सोढ़ी, मुन्ना राम कड़ती, संतोष तामो, नव आरक्षक दुल्गो मण्डावी, लखमू मरकाम, जोगा कवासी, हरिराम मण्डावी, गोपनीय सैनिक राजू राम करटम, जयराम पोडिय़ाम और जगदीश कवासी शहीद हुए हैं। इनके साथ ही प्राइवेट वाहन के चालक धनीराम यादव की भी मौत हो गई है।
बस्तर में नक्सलियों की चल रही टीसीओसी : बस्तर में नक्सलियों ने इस समय टीसीओसी (टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन) चला रखी है। इस दौरान नक्सली अक्सर बड़े हमले करते हैं। इसके चलते फ ोर्स पहले से ही अलर्ट मोड पर है। इसी के तहत जवानों की भी सर्चिंग लगातार जारी है। पिछले सप्ताह बीजापुर कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी के काफिले पर नक्सलियों ने हमला किया था। वह साप्ताहिक बाजार में नुक्कड़ सभा कर लौट रहे थे। इसके तीन दिन बाद नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर टीसीओसी चलाए जाने की बात कही थी। हालांकि विधायक को निशाना बनाने की बात से इनकार किया था।
पैसेंजर और नाइट एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द : बस्तर में किरंदुल-विशाखापट्टनम पैसेंजर और नाइट एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। ये दोनों यात्री ट्रेनें आज दंतेवाड़ा से आगे किरंदुल नहीं जाएगी। हालांकि किरंदुल से लौह अयस्क लेकर विशाखापट्टनम तक मालगाडिय़ों की आवाजाही बरकरार रहेगी। ईको (ईस्ट कोस्ट) रेलवे मंडल ने यात्री ट्रेनों के बंद को लेकर आदेश जारी किया है।
दो साल पहले हमले में 22 जवान हुए थे शहीद : इससे पहले साल 2021 में अप्रैल माह में ही नक्सलियों ने सबसे बड़ हमला बीजापुर के तर्रेम क्षेत्र के टेकलगुड़ा में किया था। उस समय नक्सलियों ने बीजीएल (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) से हमला किया था। इसमें 22 जवान शहीद हुए थे और 35 से ज्यादा घायल हुए थे। नक्सली हमले के साथ ही जवानों से हथियार भी लूटकर ले गए थे। इसी दौरान नक्सलियों ने सीआरपीएफ कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मन्हास का अपहरण किया था। हालांकि बाद में उसे रिहा कर दिया था।
राज्यपाल ने जताया दुख : छग के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने बम विस्फोट में डीआरजी के जवानों की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। घटना की निंदा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि नक्सलियों के राष्ट्र विरोधी मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। केन्द्र शासन और राज्य शासन समन्वय पूर्वक नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए कटिबद्ध हैं।
उनके बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- दंतेवाड़ा में छत्तीसगढ़ पुलिस पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हम हमले में शहीद हुए बहादुर जवानों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं।
नक्सलियों को बख्शा नहीं जाएगा : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हमले पर दुख जताया है। कहा- शहीदों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। नक्सलियों को बख्शा नहीं जाएगा। यह लड़ाई अंतिम दौर में चल रही है और नक्सलियों को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। हम योजनाबद्ध तरीके से नक्सलवाद को खत्म करेंगे।
नक्सलियों की कायराना करतूत : पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा, दंतेवाड़ा के अरनपुर में पुलिस वाहन पर हमला करके नक्सलियों ने कायरता दिखाई है, इस हमले में शहीद हुए हमारे डीआरजी के 10 वीर जवान और 1 ड्राइवर की शहादत को नमन करते हुए मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि दिवंगत आत्माओं को श्री चरणों में स्थान और शोकाकुल परिजनों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
नक्सलियों का होगा सफाया : छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि नक्सली अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि नक्सली हमले के बाद घटनास्थल पर अतिरिक्त सुरक्षा बल को भेजा गया है। घटना की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार नक्सलियों के सफाये के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।