रायपुर। भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। साय ने इस संबंध में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव को एक पत्र भी लिखा है। उन्होंने पत्र में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा देने की बात कही है। साय ने पत्र में लिखा है कि उन्हें पार्टी ने जिन महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी सौंपी उसे उन्होंने पूरे समर्पण और कर्तव्यपरायणता के साथ निभाया है। साय ने यह भी लिखा है कि पिछले कुछ वर्षों से भारतीय जनता पार्टी में उनकी छवि धूमिल करने के उद्देश्य से उनके विरुद्ध उनकी ही पार्टी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा षड्यंत्र, मिथ्या आरोप और अन्य गतिविधियों द्वारा लगातार उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई जा रही है। इससे वे अत्यंत आहत महसूस कर रहे हैं। साय ने लिखा है कि बहुत गहराई से विचार करने के बाद वे भारतीय जनता पार्टी की अपनी प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं।
तीन बार सांसद, प्रदेशाध्यक्ष व राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे : साय तीन बार विधायक और तीन बार संसद सदस्य रह चुके हैं। अविभावित मध्य प्रदेश में वे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं। साथ ही वे छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष और राज्य सभा सदस्य भी रह चुके हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं।
सोशल मीडिया में बयां किया अपना दर्द : छत्तीसगढ़ भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने इस्तीफा दे दिया है। सोशल मीडिया पर उनका दर्द छलका है। उन्होंने लिखा है कि पार्टी में मेरी छवि और गरिमा को लगातार आहत किया जा रहा था। मेरे लिए आत्मसम्मान सबसे पहले है। इसलिए मेरे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा।सोशल मीडिया पर साय का इस्तीफा भी वायरल हो रहा है। हालांकि इसके कुछ सेकंड बाद ही उन्होंने अपना मोबाइल नंबर स्विच ऑफ कर लिया। इस्तीफे की बात पर साय की तरफ से कोई भी चर्चा मीडिया से नहीं की जा रही है। मीडिया के सवालों से बचते नजर आए। हालांकि ट्विटर पर ट्वीट करते हुए नंदकुमार साय ने पार्टी से इस्तीफे की बात लिखी और अपने अंदाज में संगठन के नेताओं को धन्यवाद दे दिया।