रायपुर। होली की छुट्टी के बाद सोमवार से एक बार फिर छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र की कार्रवाई शुरू हो गई है। बजट सत्र की कार्रवाई शुरू होते ही प्रदेश कांग्रेसाध्यक्ष मोहन मरकाम ने अपनी ही सरकार को सवालों में घेरा। उन्होंने कोंडागांव में डीएमएफ फ ंड के बंटवारे में बंदरबांट करने का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल पूछा कि आरईएस निर्माण एजेंसी है तो कब से सरकार में सप्लाई का काम कर रही है। 7 करोड़ डीएमएफ के पैसे का बंदरबाट किया गया है। एक ही अधिकारी को बहुत से पद पर बैठाया गया है। मरकाम ने मंत्री रविंद्र चौबे से पूछा, क्या इसमें जांच कराएंगे। मरकाम को अपनी ही सरकार को घेरते देख विपक्षी भाजपा विधायकों ने न सिर्फ चुटकी ली, बल्कि जमकर हंगामा करते हुए मंत्री का इस्तीफा भी मांगा। विपक्ष के सदस्य शिवरतन ने कहा कि खुद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आरोप लगा रहे हैं। मंत्री को इस पर त्याग पत्र दे देना चाहिए। वहीं नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि पूरे प्रदेश में डीएमएफ में गड़बड़ी हो रही है। रविंद्र चौबे बोले कि मामला गंभीर है हम तो अध्यक्ष को धन्यवाद दे रहे हैं गंभीर मामले को उठाया। वहीं बृजमोहन अग्रवाल ने कहा जो निर्माण एजेंसी है उसे क्रय करने का अधिकार है। क्या जो मरकाम जो कह रहे हैं 7 करोड़ की जांच करवाएंगे। इस पर चौबे बोले हां अधिकार है आपके समय का नियम है, कलेक्टर को अधिकार है जिसको नोडल एजेंसी बनाए। मैं नहीं समझ रहा कि 7 करोड़ का पूरा बंदरबांट हुआ होगा। राज्य स्तर के अधिकारी भेजकर जांच करवा लूंगा।
धर्मजीत सिंह ने भी कसा तंज : धरमजीत सिंह बोले कितने भय मुक्त होकर मरकाम बोल रहे हैं। अधिवेशन में फ ोटो नहीं लगाए। फि र हटने वाले हैं ये बयान दे दिए तो ऐसे सवाल तो पूछेंगे ही। चौबे – 7 करोड़ का मसला है मैंने कहा तीन साल की खरीदी का मामला है। कोंडागांव जागरुक जिला है, उसमें कोई आपत्ति नहीं है। राज्य के अफ सर से जांच कराने के निर्देश कर दूंगा। 1 महीने का टाइम लिमिट कर देता हूं, पुराने कार्यकाल के मसले हैं। 1 महीने में रिपोर्ट आएगी। अफ सरों पर भी कार्रवाई होगी।
राज्यपाल के बजट अभिभाषण पर बवाल : शून्यकाल के दौरान विपक्ष के नेताओं ने राज्यपाल के अभिभाषण पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया गया । जिसके चलते सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की गई। भाजपा विधायकों ने विशेषाधिकार हनन करने के आरोप लगाए। अजय चंद्राकर बोले- अंग्रेजी में अलग और हिंदी में अलग है अभिभाषण, अंग्रेजी में कम और हिंदी में अभिभाषण का पैराग्राफ अधिक। जबकि बृजमोहन अग्रवाल बोले- राज्यपाल के साथ फ्रॉड हुआ, जिस अभिभाषण को स्वीकृत नहीं किया, उस भाषण की प्रतियां बांटी गई है। सरकार के मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया बोले- हमने आरक्षण पर वो लाइनें रखी हैं, भाजपा क्या आरक्षण का विरोध कर रही। इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीचे तीखी नोकझोंक हुई। नेताप्रतिपक्ष नारायण चंदेल बोले- विधानसभा और लोकसभा में कानून बनाता है, पढऩे के लिए राज्यपाल को अलग कॉपी दी है।