Friday, November 8, 2024
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CG Patwari Strike : प्रदेश भर के पटवारी रायपुर में होंगे एकजुट, इन लंबित मांगों को लेकर सरकार को दी आंदोलन की चेतावनी

बलरामपुर। राजस्व पटवारी संघ अपने विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन (CG Patwari Strike) करने जा रही है। राजस्व पटवारी संघ अपने विभिन्न मांगों को लेकर लगातार संघर्ष करते आ रहा है। दो वर्ष पूर्व भी विभिन्न चरणों में संघ द्वारा आंदोलन किया गया था, अनिश्चितकालीन हड़ताल (CG Patwari Strike) के लगभग 10 दिन बाद राजस्व मंत्री के आश्वासन पर हड़ताल स्थगित किया गया था।

छत्तीसगढ़ पटवारी संघ के प्रदेश सह सचिव चंचल मिरी ने बताया कि मंत्री का यह आश्वासन सिर्फ आश्वासन रह गया। 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी कोई पहल शासन प्रशासन द्वारा नहीं किया। राजस्व मंत्री, राजस्व सचिव, संचालक भू अभिलेख सभी से लगातार अपनी बातों को रखते आ रहे हैं लेकिन परिणाम शून्य है जिससे प्रदेश भर के पटवारी आक्रोशित है। मांगों और समस्याओं का उचित निराकरण नहीं होने के कारण राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ 24 अप्रैल को रायपुर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन (CG Patwari Strike) के रूप में चेतावनी आंदोलन करने जा रही है। उसके बाद भी निराकरण नहीं होने के स्थिति में उग्र आंदोलन ( CG Patwari Strike) किया जाएगा। पटवारियों की प्रमुख मांगों में वेतन में बढ़ोतरी, पदोन्नति, संसाधन, भत्ते, मुख्यालय निवास की बाध्यता समाप्त करने, बिना विभागीय जांच के एफ आईआर दर्ज न करने जैसे मांग शामिल है।

पटवारियों की प्रमुख मांगें निम्नानुसार है :

1. वेतन विसंगति दूर कर वेतन बढ़ोतरी किया : प्रदेश के पटवारियों द्वारा विभागीय कार्यो के अतिरिक्त समय समय पर उच्चाधिकारियों द्वारा दिए मौखिक व लिखित आदेशों का पालन ईमानदारी पूर्वक किया जा रहा है। निर्वाचन, जनगणना, बाढ़ आपदा, सूखा, राजस्व वसूली, प्रोटोकाल ड्यूटी, जनसमस्या निवारण शिविरों में आवश्यक व्यवस्था के साथ साथ प्राप्त विभागीय आवेदनों का समय पर निराकरण, शासन की जनकल्याणकारी योजनाओ में सहभागिता आदि कार्यो का संपादन विभागीय कार्य जैसे गिरदावरी, अभिलेख अद्यतन, नक्शा बंटाकन, सीमांकन, आबादी सर्वे के साथ-साथ किया जा रहा है। न सिर्फ ही बल्कि आवश्यक व्यवस्था हेतु मेला में, मंदिरों में, अन्य बड़े आयोजनों में भी पटवारियों का ड्यूटी लगाई जाती है। कार्य की अधिकता को देखते हुए पटवारियों का ग्रेड पे 2800 करने की मांग।

2. वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति : राजस्व निरीक्षक की सीधी भर्ती पर रोक लगाया जाये। राजस्व निरीक्षक के कुल पदों के 50 प्रतिशत पर पटवारियों से वरिष्ठता के आधार पर एवं शेष 50 प्रतिशत पदों पर विभागीय परीक्षा के माध्यम से नियुक्ति करने की मांग। 5 वर्ष पूर्ण कर चुके सभी पटवारियों को राजस्व निरीक्षक का प्रशिक्षण दिलाया जाये और प्रशिक्षित पटवारियों से ही रिक्त पदों के 50 प्रतिशत पर वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया जाये, उपरोक्तानुसार भर्ती नियम में आवश्यक संशोधन करने की मांग।

3. संसाधन एवं भत्ते : वर्तमान में भूमि से संबंधित अभिलेख ऑनलाइन किया जा चूका है। अभिलेखों का दुरुस्ती,नामान्तरण/बटवारा में आवश्यक प्रतिवेदन, नक्शा बटांकन आदि ऑनलाइन ही किया जा रहा है जिसके लिए कंप्यूटर, इन्टरनेट, प्रिंटर, स्कैनर आदि की आवश्यकता पड़ती है, किन्तु शासन की महत्वाकांक्षी योजना भुइयाँ कार्यक्रम के सफ ल संचालन हेतु पटवारियों को आज पर्यन्त आवश्यक संसाधन नहीं दिया गया। पटवारियों को ऑनलाइन कार्य हेतु कंप्यूटर/लैपटॉप प्रदान किया जाये,साथ ही इन्टरनेट हेतु 500 रु मासिक नेट भत्ता दिया जाये। वर्तमान में बहुत से नये हल्कों का गठन किया गया है। पटवारियों को कार्यालय तो दूर मूलभूत सुविधाए जैसे टेबल कुर्शी पंखा अलमीरा भी नहीं दिया गया है, किराये के मकान में स्वयं के संसाधन से कार्यालय चलाने में मजबूर है। प्रत्येक पटवारी हल्के में पटवारी कार्यालय एवं आवश्यक फ र्नीचर की व्यवस्था किया जाये।

4. स्टेशनरी भत्ता : पटवारियों को वर्तमान में 250 रु प्रति माह की दर से स्टेशनरी भत्ता दिया जा रहा है जिसका निर्धारण लगभग 10 वर्ष पूर्व किया गया था ,बढ़ते महंगाई के साथ साथ स्टेशनरी के दरो में भी वृद्धि हुआ है अत: स्टेशनरी भत्ता 1000 रु प्रति माह दिया जाये 7यह भत्ता प्रतिवर्ष बढ़ाया जाये।

5. अतिरिक्त प्रभार के हल्के का भत्ता : पटवारियों के लिए अतिरिक्त हल्के का प्रभार हेतु 250 रु निर्धारित है जबकि कार्य मूल हल्के के सामान ही किया जाता है, अत: नियमावली में आवश्यक संशोधन करते हुए अतिरिक्त हल्के का मानदेय मूल वेतन का 50 प्रतिशत करने की मांग।

6. पटवारी भर्ती हेतु योग्यता स्नातक किया जाये : पटवारी भर्ती नियम में 12वी परीक्षा उत्तीर्ण होने के साथ साथ कंप्यूटर आवश्यक किया गया है। वर्तमान में भुइयां एवं भू नक्शा सॉफ्टवेयर का संचालन जैसे तकनीकी कार्य, साथ ही बढ़ते टेक्नोलॉजी के साथ आबादी सर्वे आदि कार्यो को देखते हुए पटवारियों की भर्ती नियम में आवश्यक संशोधन करते हुए न्यूनतम योग्यता स्नातक किया जाये।

7. मुख्यालय निवास की बाध्यता समाप्त हो : वर्तमान में हल्का मुख्यालय से तहसील या जिला मुख्यालय तक आवागमन की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो चुकी है साथ ही हल्कों का आकार भी कम हो चूका है (एक हल्के में अधिकतम 2 पंचायत ) 7 साथ ही अधिकांश कार्य ऑनलाइन हो चूका है जो इंटरनेट सुविधा युक्त जगह में ही संभव है 7अत: पटवारियों के नियमावली में आवश्यक संशोधन करते हुए मुख्यालय निवास की बाध्यता को समाप्त किया जाये।

8. बिना विभागीय जांच के एफआईआर दर्ज न हो : पटवारियों के द्वारा कार्य सम्पादन करते समय यदि लिपिकीय त्रुटी या इसके अतिरिक्त कागजात संधारण करने में कोई भूल हो जाये ऐसी स्थिति में विभागीय जाच उपरांत ही एफ आई आर की कार्यवाही होनी चाहिए। शासन से स्पष्ट निर्देश जारी हो की जब तक विभागीय जाच पूर्ण न हो जाये तब तक प्रारम्भिक एफ आईआर दर्ज न हो।