Sarangarh-Bilaigarh

Bird Water Campaign : जंगल के प्यासे पक्षियों के लिए जल जीवन अभियान, मदन सिदार का बढ़ता कारवां

"लाइनमैन मदन सिदार का 14 वर्षों से गोमर्डा अभयारण्य में पक्षियों के लिए जल सेवा अभियान। जानिए कैसे एक छोटी पहल बना जन आंदोलन।"

Sarangarh News : भीषण गर्मी में जब जंगल के जीव-जंतु पानी (Bird Water Campaign) के लिए भटकते हैं, तब गोमर्डा अभयारण्य के भीतर एक सच्चा नायक बनकर उभरे हैं मदन सिदार। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला बिजली विभाग में लाइनमैन के पद पर कार्यरत मदन ने 2010 से अब तक एक अनूठी पहल चलाई है। उन्होंने पुराने तेल के डिब्बों को साफ कर जल पात्र बनाए और जंगल में, सड़क किनारे और पेड़ों पर इन्हें टांगकर पक्षियों और जानवरों के लिए जीवनदायी जल की व्यवस्था की है।

शुरुआत में व्यक्तिगत स्तर पर चला यह कार्य अब एक जनआंदोलन में बदल गया है। बिजली विभाग के सहकर्मी, अधिकारी और स्थानीय ग्रामीण बिना किसी औपचारिक आदेश के इस मिशन से जुड़ते चले गए। आज जंगल से गुजरने वाले वाहन अपने साथ पानी लेकर चलते हैं, और हर गुजरते पेड़ पर जल पात्रों में पानी भरते हैं।

बढ़ती गर्मी में संवेदना की मिसाल (Bird Water Campaign)

गोमर्डा अभयारण्य और आसपास के जंगलों में गर्मी बढ़ने के साथ जल संकट ने पक्षियों और वन्य जीवों को बेहाल कर दिया है। इस चुनौतीपूर्ण समय में बिजली विभाग में कार्यरत लाइनमैन मदन सिदार ने एक शानदार पहल की है, जो अब एक जन अभियान का रूप ले चुका है।

14 सालों से लगातार सेवा (Bird Water Campaign)

2010 में बरमकेला ब्लॉक में पोस्टिंग के बाद मदन सिदार ने जंगल किनारे प्यासे पक्षियों की पीड़ा देखकर अपने स्तर पर एक मिशन शुरू किया। उन्होंने पुराने तेल के डिब्बों को साफ कर जल पात्र बनाए और इन्हें सड़क किनारे और जंगल के भीतर पेड़ों पर लटकाकर नियमित रूप से पानी भरना शुरू किया। उनका यह अभियान बिना रुके 14 वर्षों से जारी है।

अकेले से जनआंदोलन तक (Bird Water Campaign)

शुरुआत में यह प्रयास मदन सिदार और उनकी पत्नी लक्ष्मी सिदार, तथा मित्र रामेश्वर के सहयोग से शुरू हुआ। लेकिन आज, बिजली विभाग के कर्मचारी, अधिकारी और स्थानीय ग्रामीण बिना किसी औपचारिक आदेश के इस नेक कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
अब तो जंगलों से गुजरने वाले वाहन भी अपने साथ पानी लेकर चलते हैं और जल पात्र भरते हैं।

प्रकृति प्रेम और सामूहिक जिम्मेदारी का प्रतीक (Bird Water Campaign)

मदन सिदार का यह प्रयास न केवल प्यास बुझाने का कार्य है, बल्कि यह nature conservation, community responsibility और environmental awareness का आदर्श उदाहरण बन गया है।

 

 

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