Balrampur Ramanujganj Farmer : महावीर पुषाम ने यह साबित कर दिया है कि अगर किसान सीखने और बदलाव को अपनाने की ठान ले, तो मिट्टी भी सोना (Best Farming Success Story) उगल सकती है। एक समय था जब वे परंपरागत खेती के सीमित दायरे में थे, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने वैज्ञानिक तकनीक, गुणवत्तायुक्त बीज और सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर अपनी खेती को लाभकारी बना दिया। आज वे न केवल आत्मनिर्भर हैं, बल्कि दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा का उदाहरण बन चुके हैं।
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गुणवत्तायुक्त बीजों और आधुनिक तकनीक का कमाल
महावीर ने खेती में उन्नत बीज और संतुलित खाद के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया। पहले वे अपनी पारंपरिक बीज पद्धति से काम करते थे, जिससे उत्पादन सीमित था। कृषि विभाग (Best Farming Success Story) से संपर्क के बाद उन्हें आधुनिक खेती के बारे में जानकारी मिली और उन्होंने तिल, मूंगफली और रामतिल की फसल को वैज्ञानिक तरीके से उगाना शुरू किया। नतीजा यह हुआ कि उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ उनकी आमदनी भी दोगुनी हो गई।
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अब गांव में बने मिसाल
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के विकासखंड रामचंद्रपुर के ग्राम विमलापुर के रहने वाले महावीर पुषाम आज अपने गांव के किसानों के लिए उदाहरण बन गए हैं। वे पहले 5 एकड़ में पारंपरिक तरीके से खेती करते थे, लेकिन अब राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन योजना (एनएमईओ) के सहयोग से उन्होंने आधुनिक पद्धतियां अपनाईं। योजना के तहत मिले उन्नत बीज, प्रशिक्षण और तकनीकी मार्गदर्शन ने उनकी फसल को नई दिशा दी। खेती के इस बदलाव (Best Farming Success Story) ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुधारी, बल्कि गांव के युवाओं को भी कृषि के प्रति आकर्षित (Best Farming Success Story) किया।
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आय दोगुनी, आत्मविश्वास कई गुना
महावीर की आमदनी पहले करीब 55–60 हजार रुपये थी, जो अब बढ़कर एक लाख रुपये वार्षिक (Best Farming Success Story) हो गई है। वे कहते हैं — “खेती तब बदलती है जब किसान बदलने की हिम्मत करता है। सही बीज, सही सलाह और मेहनत हो तो जमीन चमत्कार कर देती है।” आज वे अन्य किसानों को प्रेरित कर रहे हैं कि खेती अब भी एक मजबूत पेशा है, बस जरूरत है समझदारी से करने की।







