Baramekela News : छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला (Baramekela News) विकासखंड के ग्रामीणों की दुश्वारियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। ग्राम रंगाडीह में पिछले 10 दिनों से ट्रांसफार्मर खराब पड़ा हुआ है, लेकिन बिजली विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसका खामियाजा अब हजारों किसानों को भुगतना पड़ रहा है। दरअसल, पर्याप्त मात्रा में बारिश नहीं होने के कारण किसान अपने बोर पंप के सहारे खेती कर रहे हैं। ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण अब बोर पंप भी नहीं चल पा रहे हैं। खेतों में पानी नहीं पहुंचने के कारण अब धान की फसल मुरझाने लगी है और खेतों में दरारें पड़ गई हैं। ऐसे में किसानों की माथों पर चिंता की लकीरें खींच गई है।
स्थानीय ग्रामीणों ने राजधानी टाइम्स छत्तीसगढ़ के साथ अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि उन्होंने कई बार बिजली विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन हर बार एक ही जवाब मिलता है ट्रांसफार्मरों की कमी है, राजधानी रायपुर से ही ट्रांसफार्मर नहीं मिल रहे। इस लापरवाही के चलते न केवल सिंचाई प्रभावित हो रही है, बल्कि किसानों की मेहनत भी बर्बाद होने की कगार पर है। एक किसान ने बताया कि धान की फसल के लिए शुरुआती दिनों में पानी सबसे ज्यादा जरूरी होता है। लेकिन ट्रांसफार्मर खराब होने से ट्यूबवेल नहीं चल पा रहे हैं। अब खेत सूखने लगे हैं और दरारें भी पड़ रही हैं। समय रहते पानी नहीं मिला तो पूरी फसल चौपट हो जाएगी।
सरकार के दावे खोखले, पनप रहा आक्रोश
एक तरफ राज्य सरकार 24 घंटे बिजली आपूर्ति की बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर गांवों में बिजली की आधारभूत समस्याएं भी नहीं सुलझ पा रही हैं। विभागीय अव्यवस्था की पोल इस बात से भी खुलती है कि बरमकेला बिजली विभाग में अधिकारियों की भारी कमी है। कई पद केवल प्रभार में चल रहे हैं, जिससे समस्या सुनने वाला कोई नहीं बचा है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि बिजली विभाग की उदासीनता अब सहन से बाहर हो गई है। अगर जल्द ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया और बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हुई, तो वे कलेक्टर कार्यालय का घेराव करेंगे।
Baramekela News भारी आर्थिक नुकसान होगा
बरमकेला विकासखंड के रंगाडीह समेत आसपास के कई गांवों में बिजली और ट्रांसफार्मर की समस्या ने खेती-किसानी को संकट में डाल दिया है। विभागीय लापरवाही और संसाधनों की कमी का खामियाजा सीधे उन किसानों को भुगतना पड़ रहा है, जिनकी आजीविका का एकमात्र सहारा उनकी फसल है। अब जरूरत है कि जिम्मेदार अफसर और जनप्रतिनिधि तत्काल हस्तक्षेप कर किसानों की इस गंभीर समस्या का स्थायी समाधान सुनिश्चित करें अन्यथा किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होगा।