Friday, October 18, 2024
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Ayodhya : भगवान श्रीराम के ननिहाल से गया 300 टन चावल, भक्तों के लिए बनेगा भोग

Ayodhya Ram Mandir Prasad : उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) के राम मंदिर में छत्तीसगढ़ से 300 टन चावल भेजे गए हैं। 22 जनवरी को रामलला के मंदिर में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के चावल से भगवान राम को भोग लगेगा और देश भर से आने वाले राम भक्तों को प्रसाद का भी वितरण किया जाएगा। शनिवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भगवा ध्वज दिखाकर 11 ट्रक रवाना किया।

300 टन चावल का इंतजाम छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन की ओर से किया गया था। कार्यक्रम में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल माना जाता है और ऐसे में हम ननिहाल वालों की जिम्मेदारी है कि भगवान की जन्मभूमि में हो रहे भव्य आयोजन में कोई कमी ना रहे। छत्तीसगढ़ में मिलने वाले चावल की बेस्ट किस्म को भगवान राम के लिए भेजा गया है।

अयोध्या (Ayodhya) के लिए ट्रकों को रवाना करने का कार्यक्रम रायपुर के वीआईपी रोड स्थित राम मंदिर में आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री जब यहां पहुंचे, तो राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उन्हें लड्डुओं से तौला और उन्हें ड्राई फ्रूट की विशाल माला पहनाई गई। कार्यक्रम में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, सांसद सुनील सोनी, मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, लक्ष्मी रजवाड़े भी मौजूद रहीं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के राइस मिलर्स बंधुओं ने 300 टन चावल अयोध्या भेजा है। छत्तीसगढ़ की धरती से ऐसा किया गया है, यह हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है। अयोध्या में इस चावल से भगवान को भोग लगेगा। ट्रकों को रवाना करने के बाद मुख्यमंत्री ने राम मंदिर में जाकर भगवान राम से प्रदेश की खुशहाली की कामना करते हुए पूजा भी की।

छत्तीसगढ़ और भगवान राम का नाता : अयोध्या (Ayodhya) से श्रीलंका तक की 14 साल की यात्रा में लगभग 248 ऐसे प्रमुख स्थल हैं, जहां भगवान श्रीराम ने या तो विश्राम किया या फिर उनसे उनका कोई रिश्ता जुड़ा है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव छत्तीसगढ़ है। 14 साल के वनवास के 10 साल भगवान श्रीराम ने यहीं गुजरे। उनकी मां कौश्ल्या को भी छत्तीसगढ़ का ही बताया जाता है। छत्तीसगढ़ को प्राचीन काल में कोसल प्रदेश कहा जाता था, यहां की होने की वजह से उनका नाम कौशल्या पड़ा। रायपुर के चंदखुरी में राम भगवान को गोद में लिए कौशल्या माता की प्रतिमा मंदिर में स्थापित है। ये देश में माता कौशल्या का इकलौता मंदिर भी है।