Friday, November 8, 2024
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Shukrayaan Mission : चंद्रमा और सूर्य के बाद इसरो का अगला टारगेट ‘शुक्र’, जानिए कब लांच होगा मिशन ‘शुक्रयान’

Venus Mission : चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग और आदित्य-एल1 के सफल परीक्षण के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो शुक्र मिशन ( शुक्रयान) (Shukrayaan Mission) के लिए जोर-शोर से तैयारी कर रहा है। जानकारी के मुताबिक, शुक्रयान को अगले साल यानी साल 2024 के दिसंबर में लॉन्च किया जा सकता है।

वीनस मिशन (Shukrayaan Mission) से पहले इसरो इस साल के दिसंबर में ही एक्सपीओसैट या एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। जिसका मकसद चमकीले एक्स-रे पल्सर का गहन अध्ययन करना है। इसरो चीफ ने मिशन शुक्र को लेकर लेकर कहा था कि सौर मंडल के सबसे चमकीले ग्रह शुक्र के लिए तैयारियां की जा रही हैं। इस मिशन के लिए पेलोड विकसित किए जा चुके हैं।

वैज्ञानिकों के मुताबिक, साल 2024 के अंतिम महीने में शुक्रयान (Shukrayaan Mission) को शुक्र पर भेजा जा सकता है क्योंकि इस समय पृथ्वी और शुक्र सीधी रेखा में होंगे। जिसकी वजह से इसरो आसानी से अंतरिक्ष यान को कम प्रणोदक का उपयोग कर पड़ोसी ग्रह की कक्षा में रख सकता है। अगर इस समय यह काम नहीं होता है तो मिशन शुक्र को सफल बनाने के लिए साल 2031 तक रुकना पड़ सकता है।

चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो का उत्साह काफी हाई है। हाल ही में इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी को दिल्ली में संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने शुक्र ग्रह का जिक्र कर कहा था, “शु्क्र एक बहुत ही दिलचस्प ग्रह है। इसका एक वातावरण भी है जो बहुत घना है। वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी से 100 गुना अधिक है। यह अम्लों से भरा है।

आप सतह में प्रवेश नहीं कर सकते हैं।” सोमनाथ ने आगे कहा था, “आप नहीं जानते कि इसकी सतह कठोर है या नहीं। हम यह सब समझने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? पृथ्वी एक दिन शुक्र बन सकती है। मुझें नहीं पता। शायद 10,000 साल बाद पृथ्वी अपनी विशेषताएं बदल लेगी।” इसरो प्रमुख ने दावा किया कि, कई सालों पहले पृथ्वी भी ऐसी नहीं थी जहां जीवन बस सके लेकिन बहुत समय बाद यह रहने योग्य बनी।

शुक्र, पृथ्वी का निकटतम और सूर्य के बाद दूसरा बड़ा ग्रह है। शुक्र को पृथ्वी का जुड़वां ग्रह कहा जाता है क्योंकि यह आकार और घनत्व में दोनों ही समान है। अन्य देशों द्वारा पहले लॉन्च किए गए वीनस मिशनों में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का वीनस एक्सप्रेस और जापान का अकात्सुकी वीनस क्लाइमेट ऑर्बिटर और नासा का पार्कर सोलर प्रोब शामिल है।

एक्स-रे पोलारिमीटर उपग्रह पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, “हम एक्सोवर्ल्ड्स नामक एक उपग्रह की भी कल्पना कर रहे हैं, जो एक्सो-सौर ग्रहों या ऐसे ग्रहों को देखने के लिए एक मिशन है जो हमारे सौर मंडल से बाहर हैं और अन्य सितारों की परिक्रमा कर रहे हैं।”