Balrampur News : अम्बिकापुर के स्वामी आत्मानंद स्कूल ब्रम्हपारा प्राचार्य डॉ. बृजेश पांडेय को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार (President Award) के लिए चयनित किया गया है। देश के कुल 50 शक्षिकों में डॉ. बृजेश पांडेय छत्तीसगढ़ से इस बार इकलौते शिक्षक हैं, जिन्हें इस राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। उन्हें दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में पांच सितंबर शिक्षक दिवस को होने वाले समारोह में राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए वे तीन सितंबर को दिल्ली जाएंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल ब्रम्हपारा अम्बिकापुर के प्राचार्य डॉ. बृजेश पाण्डेय को राष्ट्रीय शिक्षक (President Award) सम्मान-2023 के लिए चयनित होने पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने डॉ. पाण्डेय को बधाई देते हुए कहा है कि प्रदेश में बच्चों को अंग्रेजी माध्यम की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की स्थापना की गई है। स्वामी आत्मानंद स्कूल के प्राचार्य डॉ. पाण्डेय का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए होने से अन्य स्कूलों के शिक्षकों एवं प्राचार्यों को प्रेरणा मिलेगी। स्कूल शिक्षा के लिए इस गौरवपूर्ण उपलब्धि से सरगुजा जिले सहित प्रदेश के शिक्षा जगत में उत्साह का माहौल है।
राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान (President Award) के लिए चयनित डॉ. बृजेश पाण्डेय ने विज्ञान के प्रति अभिरूचि जगाने के साथ बाल वैज्ञानिकों को आगे बढ़ाने में अहम योगदान दिया। उनके दिशा-निर्देशन में कई बाल वैज्ञानिकों का मॉडल राष्ट्रीय स्तर में प्रदर्शित हो चुका है। डॉ. पाण्डेय वर्ष 2018 में राज्यपाल पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके है। प्राथमिक शिक्षा के बच्चों के लिए एक्टिविटी बुक के निर्धारण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
156 शिक्षकों के बीच थी राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा
राष्ट्रपति पुरस्कार (President Award) के लिए चयनीत डॉ. बृजेश पांडेय के साथ पूरे देश में कुल 156 शिक्षकों को अंतिम प्रतिस्पर्धा के लिए चुना गया था, जिसमें देश से कुल 50 शिक्षक इस पुरस्कार के लिए पात्र पाए गए. छत्तीसगढ़ से डॉ. पांडेय के अलावा कुल तीन शिक्षकों की प्रवृष्टि भेजी गई थी, जिसमें अध्यापन के साथ-साथ अलग-अलग 26 से अधिक बिंदुओं पर मूल्यांकन किया गया. डॉ. पांडेय को परसा मॉडल स्कूल की स्थापना, बेहतर शक्षिकीय माहौल तैयार करने सहित जन सहयोग से परिसर का बेहतर निर्माण करने और उनके 36 वर्ष के बेदाग शिक्षकीय सेवा में उनके कार्यकाल की उपलब्धि, नवाचार और समाज को मिले योगदान को शामिल किया गया है.