Chhattisgarh News : राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने केन्द्रीय जेल अम्बिकापुर (Central jail Ambikapur) (सरगुजा) में महिला कैदियों के साथ हुई घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम का गठन कर दिया है। इस टीम को सात दिनों के भीतर घटना स्थल केन्द्रीय जेल अम्बिकापुर पर जाकर जांच कर प्रकरण की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
सरगुजा (अंबिकापुर) केन्द्रीय जेल (Central jail Ambikapur) की घटना के संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने पुलिस महानिरीक्षक से फ ोन के माध्यम से चर्चा की और उन्हें अवगत कराया कि 28 जून को आयोग द्वारा गठित जांच टीम अंबिकापुर केन्द्रीय जेल पहुंचकर जांच करेगी।
ज्ञात हो कि 24 जून को समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार में केन्द्रीय जेल अंबिकापुर (Central jail Ambikapur) मे महिला कैदियों के साथ हुई घटना को छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने स्वत: संज्ञान में लिया है। उन्होंने मामले की घटना स्थल पर पहुंचकर जांच करने के लिए आयोग की दो सदस्यों का टीम गठन किया है। इस टीम में महिला आयोग की सदस्य नीता विश्वकर्मा एवं अर्चना उपाध्याय के साथ ही साथ पुलिस अधीक्षक जिला सरगुजा (अंबिकापुर) को सात दिवस के अंदर जांच करके रिपोर्ट आयोग को प्रेषित करने कहा गया है।
जानिए क्या है मामला…सेंट्रल जेल अंबिकापुर में कथित तौर पर महिला कैदियों से अमानवीय व्यवहार करने का मामला सामने आया है। एक युवक ने राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, गृह विभाग के सचिव, जेल विभाग के महानिदेशक, सरगुजा कलेक्टर और केंद्रीय जेल के अधीक्षक से शिकायत की है।
अपनी शिकायत में कहा है कि पिछले 6 माह से उसकी मौसी एक मामले में केंद्रीय जेल में बंद है, उसने वहां की आंखों देखी अपनी बहन और जीजा से कही है। वो और उसका परिवार मौसी से मिलने समय-समय पर सेंट्रल जेल जाता है। मौसी ने बताया है कि जेल में तैनात एक महिला अधिकारी और महिला जेल प्रहरी को हर महीने पैसे देने होंगे। अगर, किसी महिला कैदी द्वारा पैसे देने से मना किया जाता है तो उनके साथ अमानवीय व्यवहार होता है। उनके कपड़े उतरवा दिए जाते हैं और वीडियो बनाया जाता है।