रायगढ़। छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिले के रायगढ़ वन मंडल के जंगलों में कई प्रकार के वन्यप्राणी पाए जाते हैं। ऐसे में शिकारी भी इन जंगलों में सक्रिय रहते हैं और मौका पाते ही वन्यप्राणियों का शिकार करते हैं। रायगढ़ वन परिक्षेत्र के रेगड़ा क्षेत्र में जंगली सुअर का मांस बेचा जा रहा था। तभी मुखबिर की सूचना पर वनकर्मियों ने कार्रवाई की और दो लोगों को गिरफ्तार लिया है। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार की शाम को वन अमला को मुखबिर से सूचना मिली कि रेगड़ा क्षेत्र में जंगली सुअर के मांस की बिक्री की जा रही है। तब वनकर्मियों ने मौके पर दबिश दी और दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इसमें छोटे रेगड़ा निवासी राजकुमार खलखो पिता मंगरू खलखो, सरवानी निवासी विकास कुजूर पिता गजानंद कुजूर को पकड़ा गया है। इनके पास से करीब नौ किलो जंगली सुअर का मांस जब्त किया गया। फि लहाल आरोपियों के खिलाफ वन्यप्राणी अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना में लिया है। यहां यह बताना भी लाजिमी होगा कि रायगढ़ के जंगल में अवैध शिकार का मामला अब बढऩे धीरे धीरे बढऩे लगता है। इसे लेकर विभागीय अधिकारियों को लापरवाह कर्मचारियों पर भी गंभीरता से कार्रवाई करने की जरूरत है।
जंगल गश्त पर उठ रहे सवाल : जानकारों की माने तो जंगल में जंगली सुअर का शिकार करना कोई आसान नहीं है। इसके लिए काफ ी मशक्कत करनी पड़ती होगी। अक्सर करंट तार बिछाकर वन्यप्राणियों का शिकार किया जाता है और पूर्व में भी कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में संबंधित बीटगार्ड के जंगल गश्त पर सवाल उठने लगता है। जंगल भ्रमण नहीं किए जाने से शिकारी सक्रिय हो जाते हैं और मौका पाकर शिकार कर जाते हैं। मुखबिर की सूचना मिलने के बाद ही खुलासा हो पाता है। दरअसल, रायगढ़ वन मंडल के अफसर गहरी नींद में गाफिल है, जिसके चलते काल के आगोश में बेजुबान जानवर समा रहे।
क्या कहते हैं डीएफओ : डीएफओ स्टाइलो मंडावी ने बताया कि रेगड़ा क्षेत्र में जंगली सुअर का मांस बेचा जा रहा था। तभी मुखबिर की सूचना पर मौक पर दबिश देकर दो लोगों को पकड़ा गया है। मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।