न्यूज डेस्क। बीजेपी सांसद वरुण गांधी लगातार ‘अग्निपथ योजना’ पर सवाल उठा रहे हैं. वरुण गांधी ने अब अग्निवीरों के समर्थन में अपनी पेंशन तक छोड़ने का ऐलान कर दिया. वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा कि अगर कम समय की सेवा करने वाले राष्ट्ररक्षकों को पेंशन का अधिकार नहीं है, तो मैं भी पेंशन छोड़ने के लिए तैयार हूं. वरुण गांधी ने ट्वीट किया, अल्पावधि की सेवा करने वाले अग्निवीर पेंशन के हकदार नही हैं तो जनप्रतिनिधियों को यह सहूलियत क्यूं? राष्ट्ररक्षकों को पेंशन का अधिकार नहीं है, तो मैं भी खुद की पेंशन छोड़ने को तैयार हूं. क्या हम विधायक-सांसद अपनी पेंशन छोड़ यह सुनिश्चित नहीं कर सकते कि अग्निवीरों को पेंशन मिले?
अल्पावधि की सेवा करने वाले अग्निवीर पेंशन के हकदार नही हैं तो जनप्रतिनिधियों को यह ‘सहूलियत’ क्यूँ?
राष्ट्ररक्षकों को पेन्शन का अधिकार नही है तो मैं भी खुद की पेन्शन छोड़ने को तैयार हूँ।
क्या हम विधायक/सांसद अपनी पेन्शन छोड़ यह नही सुनिश्चित कर सकते कि अग्निवीरों को पेंशन मिले?
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 24, 2022
पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी लगातार बेरोजगारी और अग्नीपथ योजना को लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साध रहे हैं. उन्होंने हाल ही में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि अग्नीपथ योजना के बारे में कई नौजवानों ने मुझे सोशल मीडिया पर लिखकर अपनी चिंताएं बताईं. उन्होंने कहा, पूरे देश में एक करोड़ से ज्यादा खाली पद पड़े हैं. सिर्फ परीक्षा के फॉर्म की फीस से सरकार हर साल 1300 करोड़ रुपए कमाती है. मैं पीएम मोदी से अपील करता हूं कि 10 लाख नई नौकरियां बनाएं, ये 1 करोड़ खाली पद हैं, इन पदों की ही हम भरपाई करें, तो 5-10 करोड़ लोगों का भला होगा. वरुण गांधी ने कहा, जब एक नौजवान का सपना मरता है, तो पूरे देश का सपना मरता है. क्या 4 साल के बाद अग्निवीरों का सम्मानजनक पूनर्वास होगा? मेरा मानना है कि जब तक समाज के आखिरी व्यक्ति की आवाज न सुनी जाए, तब तक कोई भी कानून का निर्माण न हो.