खेल डेस्क। जिसकी उम्मीद नहीं थी, वही हुआ. जिसका ख्वाहिश थी, वो फिर रह गया और 15 साल से चला आ रहा इंतजार अगले 2 साल के लिए और बढ़ गया. 140 करोड़ लोगों की उम्मीद का भार लिए हजारों मील दूर ऑस्ट्रेलिया में भारत को क्रिकेट का सरताज बनाने निकले 15 खिलाड़ियों की कोशिश एक बार फिर बेहद करीब आकर अधूरी रह गई. एडिलेड में जिस टीम इंडिया को जीत का दावेदार माना जा रहा था, उसे न सिर्फ हार मिली, बल्कि करीब 50 हजार दर्शकों के सामने उसने मुंह की खाई. एडिलेड में दूसरे सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने भारत को बिल्कुल एकतरफा अंदाज में धोते हुए 10 विकेट से रौंद दिया और टी20 विश्व कप के फाइनल में अपनी जगह बनाई.
ओपनरों का फिर फ्लॉप शो : एडिलेड में टीम इंडिया को पहले बल्लेबाजी करने का मौका मिला, क्योंकि इंग्लैंड के कप्तान जॉस बटलर ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था. एडिलेड का इतिहास भी रहा है कि यहां पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ज्यादा मैच जीती है. ऐसे में बटलर का ये फैसला चौंकाने वाला था. वहीं भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने तो कहा भी कि वह पहले बल्लेबाजी करना चाहते थे. जब सब कुछ मन मुताबिक हो गया, तो खेल भी वैसा ही होना चाहिए था, लेकिन हुआ एकदम विपरीत. इस विश्व कप में टीम इंडिया की सलामी जोड़ी ने एक भी बड़ी साझेदारी नहीं की थी, जिसके कारण भारत को एक बार भी पावरप्ले में तूफानी शुरुआत नहीं मिली थी. ये सिलसिला यहां भी जारी रहा और दूसरे ओवर में ही केएल राहुल चलते बने. एक बार फिर विराट कोहली पर दारोमदार आ गया और साथ ही कप्तान रोहित से इस बार धुआंधार बैटिंग की उम्मीद थी. दोनों ने पारी को संभाला तो लेकिन जैसी आक्रामकता की जरूरत थी वो नहीं दिखी.फिर वही हुआ, जिसका डर था. धीमी शुरुआत के बाद रोहित शर्मा आउट हो गए, जबकि सबसे बड़ा झटका लगा सूर्यकुमार यादव के विकेट से. पहली बार किसी टूर्नामेंट का सेमीफाइनल खेल रहे सूर्या को लेग स्पिनर आदिल रशीद ने अपने जाल में फंसाया और 12वें ओवर तक भारत ने 75 रन पर ही 3 विकेट गंवा दिए.
हार्दिक ने रौद्र रूप दिखाया : हार्दिक ने हालांकि शुरुआती धीमेपन के बाद रौद्र रूप दिखाया और आखिरी 3 ओवरों में चौके-छक्कों की बरसात कर दी. हार्दिक ने सिर्फ 29 गेंदों में अर्शशतक कूट दिया. आखिरी 3 ओवरों में हार्दिक की धुआंधार बैटिंग के दम पर भारत ने 47 रन बनाए और 6 विकेट पर 168 का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया.