बेमेतरा। छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। विपक्षी भाजपा द्वारा प्रदेश सरकार पर लगातार वादा खिलाफी का आरोप लगाया जा रहा है। वहीं सत्तासीन कांग्रेस द्वारा बिहार समेत अन्य राज्यों की तरह तत्काल शराबबंदी के मूड़ में नहीं है। इसके लिए अन्य राज्यों में लागू शराबबंदी का अध्ययन भी किया जा रहा है। बहरहाल शराबबंदी को लेकर ही 11 नवंबर को बीजेपी महिला मोर्चा द्वारा बिलासपुर में हुंकार रैली का भी कार्यक्रम तय है। इन सब के बीच छत्तीसगढ़ के कुछ ऐसे गांव भी हैं। जिन्होंने अब स्वयं ही अपने गांव में शराब की एंट्री पर बैन लगा दिया है। ऐसा ही एक गांव है छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के ग्राम बेंदरची। जहां शराब बंदी की दिशा में ग्राम की महिला संगठन ने न सिर्फ एक अनूठी पहल की है, बल्कि ऐसा उपाय ढूंढ निकाला है जिसे शराबियों को सुनकर ही नशा छू मंतर हो जाएगा।
शराब बनाने, बेचने व पीने तक की पाबंदी : साजा ब्लाक के ग्राम पंचायत चिल्फी के आश्रित ग्राम बेंदरची की अनुराग महिला संगठन चिल्फी ने एक नई दिशा देने का काम करते हुए अपने गांव में पूर्ण शराब बंदी करने का निर्णय लिया। यहां पर शराब के विक्रय से लेकर सेवन तक की पाबंदी लगा दी गई है। जिसके पालन नहीं करने पर अर्थदंड भी निर्धारित की गई है। जानकारी के मुताबिक, ग्राम चिल्फी बेंदरची में शराबबंदी को लेकर महिलाओं ने कई बार कलेक्टर और पुलिस को पत्र सौंपा। लेकिन अवैध शराब की बिक्री, मारपीट , घरेलू हिंसा से परेशान समूह की महिलाओं ने स्वयं आगे आकर यह बेहतर पहल शुरू की। ग्राम पंचायत में संचालित 12 महिला समुहों ने ग्रामीणों के सहयोग से ग्रामसभा की बैठक आयोजित की, जिसमें ग्रामीणों की सहमति से गांव में पूर्ण शराबबंदी का करने का प्रस्ताव पास किया गया।
शराबबंदी की घोषणा क्रांतिकारी फैसला : महिलाओं की आत्मशक्ति का बेहतरीन नमूना पेश करते हुए बेमेतरा जिले के साजा जनपद क्षेत्र के ग्राम चिल्फी (बेंदरची) की महिलाएं आज पूरे क्षेत्र और समाज के लिए मिशाल बन गई है। ग्राम पंचायत चिल्फी के अनुराग महिला संगठन ने गांव के शराबी युवक और पुरुषों को सुधारने की नियत से गांव में शराबबंदी की कल्पना मात्र ही की थी, लेकिन अपने जज्बे को आकार देते हुए गांव में अन्य महिलाओं और पुरुषों के सहयोग लेकर शराबबंदी की घोषणा की है।
शराब बंदी के लिए अर्थदंड निर्धारित : साजा विधानसभा का यह पहला गांव है जो पूर्ण शराबबंदी का फैसला लिया गया है। इस समूह की अध्यक्ष अहिल्या बाई साहू ने बताया कि गांव में शराबबंदी के लिए बनाए गए नियम के अनदेखी पर अर्थदंड का प्रावधान किया गया है, जैसे कि शराब बेचने वाले को 51 हजार रुपए, शराब खरीदने वाले को 21 हजार रुपए, शराब खरीदी बिक्री संबंधी जानकारी बताने वाले को 10 हजार रुपए, जबकि खुले आम शराब पीने पर 5 हजार रुपए और इनकी सूचना देने वालों को 1 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित करने का नियम बनाया गया है।
पहले झिझक थी : अनुराग महिला समूह चिल्फी की अध्यक्ष अहिल्या बाई साहू ने कहा कि पहले झिझक थी कि ये सब कैसे संभव होगा। लोग हसेंगे, क्या कहेंगे और इस तरह के अनेक शंकाओं ने कदम पीछे हटाना चाहा, पर हमारी आत्मशक्ति और कुछ नया करने की जिद्द ने वो सब कुछ कर दिखाया जिसके दम पर आज लोग हमारा अनुकरण कर रहे हैं।
क्या कहते हैं सरपंच : ग्राम पंचायत चिल्फी के सरपंच रामजी साहू ने कहा कि ग्राम की महिलाओं ने पूरे क्षेत्र में जागरूकता की क्रांति ला दी है, इनकी सोच से आज गांव का नाम दूर दूर तक फैल गया है। महिलाओं द्वारा उठाए गए इस कदम के लिए उन्होंने आभार भी जताया।