बरमकेला। छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर 1 दिसंबर से धान खरीदी चालू है। रायगढ़ जिले में भी धान खरीद सुचारू रूप से चल रहा है, लेकिन कुछ खरीदी केंद्रों पर किसानों की मुश्किलें बढ़ गई है। प्रशासन ने खरीदी केंद्रों पर किसान मैपिंग में भौगोलिक स्थिति का ध्यान नहीं रखा गया, जिस कारण किसानों को 22 किमी दूर खरीद केंद्र दिए गए हैं। इन केंद्रों तक फसल ले जाने किसानों को अधिक डीजल या महंगा किराया खर्च करना पड़ रहा है। वहीं उन्हें फसल बेचने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 22 किमी दूरी तय करने का मामला रायगढ़ जिले के बरमकेला तहसील अंतर्गत ग्राम दुलोपाली समिति का है। बता दें कि बरमकेला ब्लॉक के अंतिम छोर पर ओड़िशा बार्डर पर सेवा सहकारी समिति दुलोपाली में 8 पंचायतों के किसान धान बेच रहे। जबकि इसके उप समिति झिंकीपाली में 4 पंचायतों के किसान समर्थन मूल्य में अपनी उपज बेचते हैं। दुलोपाली खरीदी केंद्र की परिधि में 22 से 25 किलोमीटर में जामदलखा, जीरापाली, पतरापाली, कोकबहाल, गिण्डोला, डोंगरीपाली, लेन्धरजोरी कदलीसराय, खैरट, गौरडीह, डूमरपाली, परधियापाली, परसकोल, बिरनीपाली, भर्ती, भालूपाली, रंगाडीह, सहजबहाल, सांथर, के कृषक आते है। इन गांवों के 965 किसान पंजीकृत है। इन गांवों में सबसे अधिक परेशानी डूमरपाली व परधियापाली और भालूपानी के किसानों को हो रही, क्योकिं दुलाेपाली समिति के नाम से डोंगरीपाली में संचालित खरीदी केंद्र की दूरी 20 से 25 किमी पड़ रही। अगर गौरडीह में नया खरीदी केंद्र खुले तो इसकी दूरी महज 8 से 10 किमी की रह जाएगी। ऐसे में अब किसान गौरडीह में भी धान खरीदी केंद्र खोलने की मांग कर रहे।
इन परेशानियों से गुजर रहे किसान : किसानों की संख्या अधिक होने से खरीदी केंद्र में भीड़ बढ़ना लाजिमी सी बात है। ऐसे में किसानों को टोकन कटवाने के लिए पंद्रह दिन पहले से ही आधी रात में डोंगरीपाली स्थित खरीदी केंद्र में आकर डेरा जमाना पड़ रहा है। धान कटाई पश्चात् किसानों को धान बेचने की होड़ सी मच गई है और रोजाना खरीदी केंद्र में भीड़ देखी जा रही है. खैरट के किसान कृष्ण कुमार साहू, संतोष पटेल ने बताया कि काफी जद्दोजहद के बाद टोकन कट पाता ह. वहीं डूमरपाली के किसान प्रफुल्ल महानंद का कहना था कि उन्हें 12 किलोमीटर दूरी तय करके खरीदी केंद्र तक पहुंचते है. इसी तरह भालूपानी गांव के किसानों को करीबन 25 किलोमीटर दूर घुमावदार रास्ते से होकर आने से समय व लागत ज्यादा लगता है. इतने झमेले के बाद भी किसानों को खरीदी केंद्र में अन्य समस्या से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
गौरडीह में बना हुआ है गोदाम : दुलोपाली सहकारी समिति क्षेत्र का रसायनिक खाद का भण्डारण के लिए गोदाम का निर्माण गौरडीह में कराया गया है. जहां पर पूरे क्षेत्र के किसानों को ऋण योजना के तहत खाद उपलब्ध कराई जाती है. अब किसानों की मांग है कि गौरडीह में भी नया उपार्जन केंद्र खोला जाए। जिससे किसानों को धान बेचने में सुविधा हो। स्थानीय किसानों का कहना है कि कालाखुंटा धान खरीदी उप केंद्र में सिर्फ तीन पंचायत के गांव आते है जबकि गौरडीह में नये खरीदी उप केंद्र खोलने से सांथर, रंगाडीह परसकोल परधियापाली गौरडीह, डूमरपाली, बिरनीपाली सहजबहाल, भराली व खैरट के किसानों को सहुलियत होगी. अकेले गौरडीह के 92 किसान पंजीकृत है. गौरडीह में 1992 से खाद गोदाम बना हुआ है वहीं धान खरीदी केंद्र हेतु पर्याप्त जमीन भी है. ऐसे में यहां नया धान खरीदी उप केंद्र खोलने की मांग क्षेत्र के किसान कर रहे हैं।
” इस खरीदी केंद्र में अब तक 11000 क्विंटल धान खरीदी हो चुकी है. गांवों की संख्या अधिक होने के वजह से टोकन के लिए भीड़ हो रहा है. व्यवस्था बनाने में लगे हुए हैं.
गोविन्द पटेल , प्रबंधक धान खरीदी केंद्र डोंगरीपाली/दुलोपाली.
डोंगरीपाली खरीदी केंद्र की दूरी हमारे गांव से 12 किमी दूर है। इसलिए हमें धान बेचने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर गौरडीह में खरीदी केंद्र खुलने पर हमें महज 5 किमी दूरी पड़ेगी। इससे सहुलूयित होगी।
प्रफुल्ल महानंदा, किसान डूमरपाली।
डोंगरीपाली समिति में किसानों की संख्या अधिक है। इसकी वजह से टोकन सिस्टम का रोस्टर घूमते हुए लेटलतीफ होता है। हमारे गांव में गोदाम बना हुआ है। जहां खाद मिलता है। अगर खरीदी केंद्र यहीं खुल जाए तो हमें धान बेचने में सहुलूयित होगी।
रामसागर चौधरी, किसान गौरडीह।
डोंगरीपाली समिति में गांवों की संख्या अधिक होने की वजह से धान बेचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रात 3 बजे से लाइन लगानी पड़ती है। अगर हमारे गांव में ही केंद्र खुले तो हमें सुविधा होगी।
रामकृष्ण पटेल, गौरडीह