बरमकेला। 29 अप्रैल से राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले के 70 वर्षीय बुजुर्ग के द्वारा धर्म, संस्कृति व एकता का संदेश लेकर जमीन पर लेटते हुए जगन्नाथ पुरी यात्रा के लिए निकला है. सोमवार सुबह को छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिले के बरमकेला ब्लॉक अंतर्गत ग्राम साल्हेओना पहुंचने पर सामाजिक संस्था से जुड़े लोगों ने उनका स्वागत कर अल्प विश्राम दिलाकर विदा की. इस यात्रा में निकले बुजुर्ग रामहंस मीणा राजस्थान ने बताया कि उनकी यह यात्रा जगत कल्याण के लिए उद्देश्य से कर रहे है और आपसी भाईचारा का संदेश के साथ एक ध्वज लेकर जमीन पर लोटते (कर नापते) हुए जा रहे है. उनकी यात्रा इसी महीने को जगन्नाथ पुरी धाम जाकर समाप्त होगी. उन्होंने बताया कि देश की सुख शांति बना रहे और सबका कल्याण हो यही उनकी यात्रा की कामना है. यात्रा में कोई कठिनाई न हो इसके लिए रोजाना 6 किलोमीटर लोट-लोटकर आगे बढते जा रहे है. दोपहर में चावल खाते हैं और रात्रि विश्राम के दौरान केवल दूध सेवन करते है. उनके साथ पुत्र पप्पू मीणा भी चल रहा है.
पहले भी कर चुके पदयात्रा : जमीन पर लेटकर यात्रा के बारे में सहयोगी पप्पू मीणा का कहना है कि उन्होंने वर्ष 2019 में राजस्थान के उसी जगह से पैदल नंगे पांव पदयात्रा प्रारंभ की थी और मात्र 57 दिन में जगन्नाथ पुरी को पहुंच कर जगत कल्याण के लिए मत्था टेके थे. उस दौरान रामहंस मीणा ने उम्र व मौसम का परवाह किए बगैर रोज 35 किलोमीटर पदयात्रा करके पूरा किया था और उसी जज्बे के साथ एक बार फिर निस्वार्थ भाव से जमीन पर लोटते हुए यात्रा पर चल पडे है. उनकी यात्रा एमपी, युपी होते हुए छत्तीसगढ़ से होकर दो दिन बाद ओडिशा सीमा में प्रवेश कर लेने की बात कही.