नई दिल्ली। राजस्थान में जारी सियासी सरगर्मियों के बीच पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट मंगलवार को दिल्ली पहुंच गए। ऐसी चर्चा है कि वो कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात भी कर सकते हैं। उधर, सीएम अशोक गहलोत का दांव ऐसा लग रहा जैसे उन पर ही बैकफ ायर कर गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि अब तक कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे नजर आ रहे गहलोत लगभग इससे बाहर माने जा रहे हैं। यही नहीं चर्चा तो इस बात की भी है कि कहीं उनके हाथ से सीएम की कुर्सी ना फि सल जाए, क्योंकि उनके सपोर्ट में नजर आ रहे विधायक भी अब उनसे छिटकने लगे हैं। वहीं कांग्रेस आलाकमान की नाराजगी भी सामने आ रही, यही वजह है कि गहलोत ने एक बयान में कहा कि जो कुछ हुआ वो नहीं होना चाहिए था। हालांकि, उनके इस कमेंट में लग रहा देर हो गई। अब राज्य में मुख्यमंत्री चुने जाने को लेकर कांग्रेस नेतृत्व ने खास प्लान तैयार कर लिया है।
ऐसे शुरू हुआ सियासी खेला : राजस्थान में सियासी पारा तब चढ़ा जब कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात को मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में नहीं आए। उस समय संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की। फि र वहां से वे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मिलने चले गए थे। गहलोत ने पहले एआईसीसी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लडऩे की घोषणा की थी। आलाकमान के निर्देश के बाद गहलोत 28 सितंबर को नामांकन दाखिल करने वाले थे। इसी बीच यह खेला हो गया। 92 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को त्याग पत्र सौंप दिए। इस हरकत से नाराज आलाकमान ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए गहलोत के बजाय दूसरे नाम पर विचार करना शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खडग़े, दिग्विजय सिंह समेत अन्य नेताओं के नाम पर विचार कर रहे हैं।
फिर कमजोर पडऩे लगा गहलोत खेमा : गहलोत समर्थित कई विधायक अब हाईकमान के फैसले के पक्ष में आ गए हैं। रविवार को जिन विधायकों ने शांति धारीवाल और महेश जोशी के कहने पर इस्तीफे दिए थे। वे विधायक अब गहलोत गुट से छिटकने लगे हैं। रविवार शाम को बगावत की बैठक में शामिल होने वाले विधायक इंदिरा मीणा, जितेन्द्र सिंह, मदन प्रजापत और संदीप यादव ने 24 घंटे के भीतर अपना विचार बदल दिया। इनका कहना है कि वे हाईकमान के फैसले के साथ हैं। मदन प्रजापत ने तो साफ कह दिया कि सचिन पायलट को अगर मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है तो इसमें कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
पवन बंसल ने लिया नामांकन फ ॉर्म : पवन बंसल ने दिल्ली में अध्यक्ष पद के लिए नामांकन फ ॉर्म लिया। मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि पवन बंसल और शशि थरूर नामांकन फ ॉर्म ले चुके हैं। गहलोत को लेकर कोई अपडेट नहीं हैं। इस बारे में वह कुछ नहीं कह सकते हैं। इससे पहले, मिस्त्री ने सोनिया गांधी से मुलाकात की और अध्यक्ष चुनाव को लेकर चर्चा की। आज शाम तक कई नए नाम सामने आ सकते हैं। राजस्थान के घटनाक्रम के बाद गहलोत के नाम को लेकर संशय बन गया है।