खेल डेस्क। साल 2017 में ऑस्ट्रेलियाई टीम भारतीय दौर पर थी, पुणे में खेले गए पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को बुरी तरह से हराया था. पुणे में विकेट रैंक टर्नर थी और ऑस्ट्रेलिया के एक अनुभवहीन स्पिनर ने मैच में भारतीय टीम के 12 विकेट निकाल लिए थे. इस मुकाबले के बाद भारतीय टीम ने पूरी सीरीज में रैंक टर्नर विकेटों का इस्तेमाल नहीं किया था. पहले मैच में हार के बाद दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम ने वापसी की और 4 मैचों की सीरीज 1-1 से बराबरी पर ले आए. तीसरा टेस्ट रांची में खेला जाना था, कोच अनिल कुंबले ने सिर्फ कुछ महीने पहले ही पद संभाला था और यह टेस्ट मैच भारतीय टीम में आगे आने वाले तूफान की आहट थी. इस मैच में एक खिलाड़ी का सेलेक्शन कप्तान विराट कोहली और कोच अनिल कुंबले के बीच विवाद की जड़ बन गया. दरअसल, रांची टेस्ट तक सीरीज 1-1 से बराबरी पर थी और रांची टेस्ट भारत के लिए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी रिटेन करने के लिए काफी जरूर बन गया था.
कुलदीप बने विवाद का कारण? कोच कुंबले इस टेस्ट में लेफ्ट आर्म चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को उतारना चाहते थे लेकिन कप्तान इसके खिलाफ थे और अंत में कुलदीप को रांची में नहीं खिलाया गया. रांची टेस्ट के इस मौके से कप्तान और कोच के बीच विवाद ने जन्म ले लिया था, जो हमारे सामने चैम्पियन्स ट्रॉफी फाइनल के बाद आया. आज इन्हीं कुलदीप यादव का 27वां जन्मदिन है.
95 international matches 👍
174 international wickets 👌
Only #TeamIndia bowler to take multiple hat-tricks in international cricket 👏Here's wishing @imkuldeep18 a very happy birthday. 🎂 👏 pic.twitter.com/3jLGBKAXkK
— BCCI (@BCCI) December 14, 2021
चौथे टेस्ट से विराट कोहली चोट की वजह से बाहर बैठना पड़ा था और टीम की कमान अजिंक्य रहाणे ने संभाली. अजिंक्य रहाणे पहली बार भारतीय टीम की कमान संभाल रहे थे और इस टेस्ट मैच से कुलदीप यादव ने अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था. कुलदीप ने धर्मशाला टेस्ट की पहली पारी में 4 विकेट झटककर भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी.
मौका मिलने पर कुलदीप ने दिखाया जलवा : कुलदीप इस टेस्ट के बाद से 2019 विश्व कप तक भारतीय टीम लगातार हिस्सा बने रहे. विश्व कप के बाद टीम मैनेजमेंट ने कुलदीप पर आत्मविश्वास दिखाना कम कर दिया और लगातार चोट के चलते कुलदीप की भारतीय टीम में अपनी जगह बरकरार रखने में नाकाम रहे. हालांकि कुलदीप यादव एक बार फिर से मैदान पर वापसी की तैयारियों में जुटे हैं.
मुश्किल वक्त को भी दी मात : कुलदीप यादव मूलत: कानपुर के हैं और उन्होंने छोटी उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. कुलदीप यादव का नाम कानपुर में छोटी उम्र ही प्रचिलित हो गया था. कुलदीप अपनी गेंदबाजी से सभी कोच को अपना मुरीद बना चुके थे, गेंदबाजी के साथ कुलदीप ने बल्लेबाजी में भी शानदार प्रदर्शन दिखाया था. एक वक्त ऐसा भी आया था जब कुलदीप स्टेट अंडर 16 टीम में सेलेक्ट नहीं हुए थे तब वह काफी निराशा से भी भर चुके थे. कुलदीप ने अपनी मेहनत से इस दौर से निकलते हुए इंडिया अंडर 19 टीम में जगह बनाई और अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत IPL फ्रैंचाइज कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से खेलने का मौका मिला. कुलदीप ने अंडर-19 टीम के लिए विश्व कप में स्कॉटलैंड के खिलाफ हैट्रिक भी झटकी थी. कुलदीप के नाम वनडे क्रिकेट में भी 2 हैट्रिक है, वो ऐसा करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं. कुलदीप ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ईडेन गार्डेन में और 2019 में वेस्टइंडीज के खिलाफ हैट्रिक झटकी थी.
कुलदीप का कैरियर : कुलदीप यादव ने भारतीय टीम के लिए 7 टेस्ट, 65 वनडे और 23 टी-20 मुकाबले खेले हैं. कुलदीप के नाम टेस्ट में 26, वनडे में 107 और टी-20 में 41 विकेट हैं. कुलदीप इस वक्त टीम इंडिया में जोरदार वापसी की पूरी कोशिश कर रहे हैं और उनकी फिटनेस को मद्देनजर रखते हुए कुलदीप दक्षिण अफ्रीका के वनडे सीरीज में वापसी कर सकते हैं. कुलदीप ने पिछले दक्षिण अफ्रिका दौरे में 6 वनडे मुकाबलों में 17 विकेट झटके थे.