दिल्ली। हिंदी पचांग का पांचवा महीना श्रावण है, जिसे सावन नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में सावन माह को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। सावन माह देवो के देव भगवान शिव को समर्पित है। इस माह में भगवान शिव की पूजा-अराधना की जाती है। सावन माह के प्रत्येक सोमवार को शिव की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। शिव भक्त पूरी श्रद्धा के साथ इस महीने का इंतजार करते हैं। इस माह के प्रत्येक सोमवार को पूजा करने का विशेष पुण्य प्राप्त होता है। शिव को प्रसन्न करने के लिए महिलाएं सोलह सोमवार का व्रत पूरी श्रद्धा के साथ रखती हैं। इसी माह में शिव भक्त कांवड की यात्रा आयोजित करते हैं। पचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के बाद श्रावण माह की शुरुआत होती है। 24 जुलाई के दिन आषाढ़ माह समाप्त हो रहा है और 25 जुलाई से सावन माह की शुरुआत होगी। श्रावण माह 25 जुलाई से 22 अगस्त तक चलेगा। मतलब 25 जुलाई से इस साल के सावन महीने की शुरुआत हो रही है. इस बार सावन में 4 सोमवार होंगे. सावन का महीना इस साल 29 दिनों का है. आपको बता दें कि धार्मिक तौर पर सावन को बहुत ही पवित्र महीनों में गिना जाता है. भारत में लोग इस महीने के सोमवार को बहुत ही सौभाग्यशाली और पुण्य फलदाई मानते हैं. सावन के सोमवार का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि सावन के सोमवार के दिन भगवान भोले शंकर की विशेष कृपा होती है. कुंवारी कन्याएं सावन के सोमवार का वृत करती हैं. भगवान भोले के भक्त सावन के सोमवार का विशेष रूप से इंतजार करते हैं. इस महीने में भगवान भोले शंकर के भक्त सावन के सोमवार को भोलेशंकर की विशेष अराधना करते हैं. इस दिन भगवान भोले शंकर के भक्त उनका रुद्राभिषेक कराते हैं. सावन में कृष्ण पक्ष की द्वितीया और शुक्ल पक्ष की नवमीं तिथि का क्षय है. हालांकि कृष्ण पक्ष पूरे 15 दिन का होगा. शुक्ल पक्ष 14 दिन का ही रहेगा. सावन में प्रदो व्रत 5 और 20 अगस्त को होगा. आइए आपको बताते हैं कि इस साल सावन के चार सोमवार कब पड़ेंगे.
सावन के सोमवार
सावन का पहला सोमवार: 26 जुलाई
सावन का दूसरा सोमवार: 02 अगस्त
सावन तीसरा सोमवार: 09 अगस्त
सावन का चौथा सोमवार: 16 अगस्त
सावन में प्रदोष व्रत: 05 व 20 अगस्त को
सावन मास में भगवान शंकर को अर्पित करें ये चीजें-
1. भगवान शंकर को दूध बेहद प्रिय है। इसलिए भगवान शंकर की पूजा में दूध का इस्तेमाल करना शुभ फलदायी माना जाता है। सावन महीने में शिव पूजा के समय शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं। सावन में भगवान शंकर का दूध से रूद्राभिषेक करने से मनोकामना पूरी होने की मान्यता है।
2. सावन मास में भगवान शंकर को धतूरा, बेलपत्र, चंदन, केसर, भांग, इत्र, अक्षत, शक्कर, दही, घी, गंगाजल, शहद, गन्ने का रस और फूल आदि अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है।
3. भगवान शंकर को आक का लाल और सफेद पुष्प अर्पित करना बेहद शुभ होता है। मान्यता है कि इन फूलों को चढ़ाने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं।
भगवान शंकर को ना चढ़ाएं ये चीजें-
1. भगवान शंकर को केतकी और केवड़े का फूल चढ़ाना वर्जित है।
2. महादेव की पूजा में शंख वर्जित माना जाता है।
3. शास्त्रों के अनुसार, भोलेनाथ की पूजा में तुलसी दल भूलकर भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
4. शिव जी की पूजा करते समय नारियल या नारियल का पानी नहीं इस्तेमाल करना चाहिए।
5. भगवान शिव को रोली या कुमकुम नहीं लगाना चाहिए। भोलेनाथ को सिर्फ चंदन लगाना चाहिए।
किस सोमवार को भगवान शिव को क्या चढ़ाएं-
प्रथम सोमवार : 26 जुलाई, धनिष्ठा नक्षत्र। शक्कर युक्त दूध से प्रात:काल शिव जी का अभिषेक करें। सायंकाल शिव-पार्वती का पूजन करें।
द्वितीय सोमवार : 2 अगस्त, कृत्तिका नक्षत्र। अनार के रस से शिव जी का अभिषेक करें।
तृतीय सोमवार : 9 अगस्त, आश्लेषा नक्षत्र। शिवजी का दूध से अभिषेक कर चंदन का लेप करें और शेष चंदन को माथे पर लगाएं।
चतुर्थ सोमवार : 16 अगस्त , अनुराधा नक्षत्र। दूध में शहद मिला कर पीपल के पत्ते का चम्मच बना कर उससे शहद मिश्रित दूध का अभिषेक करें।