रायपुर। छत्तीसगढ़ में जंगली जानवरों के हमले से एक बच्चे व एक किसान की मौत हो गई। पहली घटना महासमुंद जिले की है। खेत में दवा का छिड़काव कर रहे किसान पर हाथी ने हमला कर दिया। इसी दौरान दंतैल खेत के पास आ धमका। किसान संभल पाता, उसके पहले ही दंतैल ने उस पर हमला कर दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना को किसान के बेटे ने अपनी आखों से देखा और पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई। वहीं दूसरी घटना शनिवार की सुबह कांकेर जिले से सामने आई है। जहां परिजनों के साथ जंगल गए 8 साल के मासूम बच्चे पर तेंदुए ने हमला कर दिया। इससे बच्चे की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, महासमुंद जिले के ग्राम परसाडीह निवासी मनीराम पिता रामलाल यादव, उम्र 45 वर्ष अपने 15 साल के बेटे जयलाल के साथ शुक्रवार की शाम खेत में दवा का छिड़काव करने गया हुआ था। बेटा खेत के मेढ़ पर बैठा हुआ था और मनीराम खेत में दवा छिड़क रहा था। जयलाल ने दंतैल को देखा और अपने पिता को आवाज लगाई। मनीराम ने भागने की कोशिश की। लेकिन पीठ पर लदे 15 लीटर दवा और पानी से भरे स्पेयर के भार के चलते वह तेजी से भाग नहीं पाया और दंतैल ने उसे पटककर मार डाला। घटना के दौरान जयलाल भागकर पेड़ पर चढ़ गया। उसने ही फोन कर गांव में परिजनों को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी वन विभाग को दी। इधर, आज सुबह धमतरी जिले के नगरी सड़कपारा मुकुंदपुर के कुछ ग्रामीण लकड़ी के लिए जंगल की ओर गए थे। इन लोगों के साथ मुकुंदपुर निवासी आठ वर्षीय बालक आशीष भी था। उस समय जंगल में उसके अन्य दोस्त मिले तो उन लोगों के साथ वह रूक गया। ग्रामीण लकड़ी लेकर वापस लौट रहे थे, तभी आशीष अपने दोस्तों के साथ जंगल की ओर आगे बढ़ गया। उसके दोस्त आगे चल रहे थे और आशीष कुछ दूर पीछे चल रहा था, तभी तेंदुआ ने जंगल की ओर से आशीष पर हमला कर दिया। दोस्तों ने देखा, तो हड़कंप मच गया। दौड़ते हुए अन्य बच्चे गांव पहुंचे और ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी। तभी ग्रामीण बालक को ढूंढने अगस्त्य ऋषि आश्रम की ओर दौड़े तो देखा तेंदुआ आशीष को मुंह में दबाकर खड़ा था। ग्रामीणों ने लाठी-डंडे दिखाकर शोर मचाया तो तेंदुआ बालक को छोड़कर जंगल की ओर भाग खड़ा हुआ। घायल आशीष को ग्रामीण तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगरी अस्पताल ले गए। जहां डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया।