रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ अब मरवाही चुनाव हारने के बाद पार्टी पुनर्गठन की तैयारी कर रही है। रेणु जोगी को केंद्रीय अध्यक्ष बनाने की घोषणा कल होने वाली पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में की जाएगी। मरवाही चुनाव से पहले विधायकों की बगावत झेल चुकी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ खुद को पुनर्गठित करने जा रही है। पार्टी अपने दो विधायकों देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा से इस्तीफा मांगने का अभियान चलाएगी। इन दोनों विधायकों ने खुलेआम बगावत का झंडा बुलंद किया था। दोनों विधायक कांग्रेस में शामिल होने के पक्ष में हैं। जकांछ के प्रवक्ता भगवानू नायक ने बताया कि पार्टी को पुनर्गठित करने की तैयारी चल रही है। जकांछ कोर कमेटी में फेरबदल किया जाएगा। दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बाद डॉ. रेणु जोगी को केंद्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव है। उसके अलावा पार्टी लाइन से अलग जाने वाले विधायकों पर इस्तीफा देने का नैतिक दबाव बनाया जाएगा। नायक का कहना था कि अगले कुछ दिनों में पार्टी सरकार के खिलाफ बड़े अभियान चलाएगी। उल्लेखनीय है कि मरवाही चुनाव अभियान के दौरान ही पार्टी विधायकों और कोर कमेटी सदस्यों की बगावत खुल कर सामने आई। देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा ने स्पष्ट कह दिया कि तीन विधायक कांग्रेस में जा रहे हैं। बाद में सीन पलटा और इस विचार के साथ यही दोनों रह गये। ऐसे में पार्टी छोडऩे की बात टल गई। 26 अक्टूबर को कोर कमेटी सदस्य आरके राय ने भी भाजपा जाने की घोषणा कर दी।
देवव्रत ने इस्तीफे को किया खारिज
इधर खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह ने जकांछ के इस अभियान को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, हमें जनता ने जिताया है, किसी के कहने से इस्तीफा नहीं देंगे। वे लोग नैतिकता की बात कर रहे हैं जिन्होंने खुद दो वर्षों तक कांग्रेस का विधायक रहते हुये, उसके खिलाफ काम किया। उन्होंने कहा, ये लोग मरवाही की हार बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। इस पर इनको चिंतन-मनन करना चाहिए। मरवाही में भाजपा को समर्थन देना अजीत जोगी की आत्मा के खिलाफ बात थी। अजीत जोगी की विरासत तो कांग्रेस के साथ ही चली गई।