Friday, November 8, 2024
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अति जर्जर स्कूल भवन में नौनिहालों की हो रही पढ़ाई, नवीन प्राथमिक शाला बनाने की मांग

बरमकेला। 16 जून से नये शैक्षणिक सत्र की शुरुआत कर दिया गया है. स्कूलों में बच्चों की चहल पहल बढ़ गई है किंतु स्कूल भवनों की स्थिति पर अधिकारियों ने बिना जांच – पडताल किए स्कूल चलाने का निर्देश दिए गए हैं. ऐसे में स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाओं ने उसी पुराने जर्जर अथवा अति जर्जर भवनों में नौनिहालों की बैठाकर भविष्य का निर्माण करने में लगे है. छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिले के ग्राम पंचायत बरपाली के अरसीपाली में वर्ष 1990 में शासकीय प्राथमिक शाला का भवन निर्माण किया गया था. उसके बाद से उसी जर्जर स्कूल भवन में नौनिहाल बच्चों की पढाई लिखाई चल रही है. प्रशासनिक उदासिनता के चलते नये भवन की स्वीकृति नहीं मिल पा रही है. ऐसे में सरपंच बरपाली ने कलेक्टर से नवीन प्राथमिक शाला भवन बनाने की मांग की है.  सरपंच सुरेश कुमार पटेल ने कलेक्टर को लिखित में मांग पत्र सौंपते हुए बताया है कि विकासखंड रायगढ़ के अन्तर्गत ग्राम पंचायत बरपाली के आश्रित गांव अरसीपाली का प्राथमिक शाला अति जर्जर श्रेणी में रखा गया है. चूंकि अतिरिक्त भवन नहीं होने से उसी जर्जर भवन में बच्चों की पढाई शुरू करा दिया गया है. बरसात के दिनों में जर्जर भवन के छत टूट कर गिरने का डर बना हुआ है. पानी टपकने लगता है और बच्चों में कक्षाओं में बैठने में परेशानी हो रही है.

 

बीस साल की अवधि पूर्ण कर लिया है भवन : बताया जाता है कि इस स्कूल भवन को बीस साल पहले तैयार किया गया था. वैसे सरकारी भवनों को दस साल पूरे होते ही जर्जर के श्रेणी में रखा जाने लगता है लेकिन यहां तो बीस साल पूरा हो गया है फिर भी नये भवन की स्वीकृति में क्या अडचन आ रही है. किसी को पता नहीं है. शिक्षा विभाग के अफसर भी केवल कागजों में मानिटरिंग करने में लगे हैं.इस वजह से जर्जर स्कूल भवन की स्थिति पर नहीं किया जा रहा है. जिले में ऐसे ही क ई जर्जर स्कूल भवन के छत, दीवार टूटने की घटनाएं सामने आ चुकी है.

 

क्या कहते हैं सरपंच 

कलेक्टर को अरसीपाली में नवीन प्राथमिक शाला भवन बनाने के लिए मांग पत्र दिया गया है. यहां की स्कूल काफी पुराना है और जर्जर है.

सुरेश कुमार पटेल सरपंच, बरपाली.