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हाल-ए-छग पुलिस: 11 अगस्त को डीजीपी का निर्देश- बेसिक पुलिसिंग करें, 14 को छेड़खानी की शिकायत करने गई गर्भवती महिला की थाने में हुई पिटाई, 16 को टीआई अटैच, हेड कांस्टेबल सस्पेंड

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी आम जनता का भरोसा जीतकर पुलिसिंग को सफल बनाने के लिए आम पब्लिक के बीच बनी नकारात्मक छवि बदलने पर जोर दे रहे हैं तो दूसरी तरफ विभाग के कुछ पुलिस अधिकारी-कर्मचारी डीजी के कामों पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला छग के बिलासपुर जिले में आया। हालांकि एसपी ने मामले को तत्काल संज्ञान में लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की है। बीते मंगलवार याने 11 अगस्त को छत्तीसगढ़ के डीजीपी डीएम अवस्थी ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों से वीडियो कांफ्रेसिंग (वीसी) में बातचीत की और सभी जिले के एसपी को दो टूक कहा कि बेसिक पुलिसिंग पर खास ध्यान दें। सभी थानों की नियमित रूप से जांच करें। अगर किसी थाना क्षेत्र में अपराध रूकने का नाम नहीं ले रहा है तो संबंधित थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करें। अगर किसी पुलिसकर्मी की शिकायत आती है तो उसे गंभीरता से लें और तत्काल जांच कर उसके खिलाफ एक्शन लें। यही नहीं, उन्होंने थाने में शिकायत लेकर आने वाले लोगों से नरमी से पेश आएं, उनकी शिकायत लें और तत्काल जांच करें। डीजीपी माधव प्रसाद अवस्थी के इस आदेश को तीन दिन भी नहीं हुए थे और 11 अगस्त को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के पचपेड़ी थाना में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई। दरअसल, एक गर्भवती महिला अपने पति व देवर के साथ छेड़खानी की शिकायत करने गई थी। महिला की शिकायत तो नहीं सुनी गई, लेकिन उसे और उसके पति व देवर की जमकर पिटाई की। मीडिया में मामला सामने आने के बाद एसपी प्रशांत अग्रवाल ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल पीड़ित महिला की रिपोर्ट लिखकर छेड़खानी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं महिला व उसके पति व देवर के साथ मारपीट करने वाले हेड कांस्टेबल को संस्पेड कर दिया गया। जबकि थाना प्रभारी को लाइन भेज दिया गया।

जानिए, क्या है पूरा मामला……

बिलासपुर के पचपेड़ी थाना क्षेत्र की एक 27 वर्षीय 8 माह की गर्भवती महिला 14 अगस्त को घर में अकेली थी। उसके पति व देवर काम करने बाहर गए हुए थे। इसी दौरान मन्नू बंजारे नाम का युवक घर में घुस गया और छेड़खानी करने लगा। महिला के शोर मचाने पर वह भाग निकला। पति देवर घर आए तो महिला ने उन्हें घटना की जानकारी दी और फिर तीनों पचपेड़ी थाने रिपोर्ट दर्ज कराने आए। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की और अभद्र व्यवहार करना शुरू कर दिया। महिला उसके पति के साथ वहां मौजूद पुलिस ने गाली गलौज की। महिला का पति पुलिस की अभद्रता का मोबाइल में वीडियो बनाने लगा। देखकर पुलिस हवलदार गोपाल खांडेकर, खान सिपाही अन्य ने महिला, उसके पति देवर को लातघूंसों से पीटा और वीडियो को डिलीट कर दिया।

एसपी ने तत्काल मामले की कराई जांच: पीड़ित महिला का यह भी आरोप था कि उस वक्त थाने में एक भी महिला सिपाही नहीं थी। महिला ने यह भी गंभीर आरोप लगाए कि पीटने व वीडियो डिलीट करने के बाद भी उनका मन नहीं भरा तो लॉकअप में बंद कर उसकी पिटाई की गई। छोड़ने के लिए गिड़ागिड़ाती रही, पर वर्दी के रौब में धौंस दिखा रहे पुलिसकर्मियों ने उसकी एक न सुनी। गांव के अन्य लोग भी तब थाने में मौजूद थे। कुछ देर बाद महिला व उसके परिवार को धमकी देकर छोड़ा गया। अपनी जान की परवाह किए बगैर ही पीड़ित परिवार सीधे एसपी कार्यालय पहुंचा और मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल को दी। उन्होंने तत्काल एएसपी ग्रामीण संजय ध्रुव डीएसपी सुनील डेविड को जांच अधिकारी बनाकर पचपेड़ी भेजा। जांच के दौरान महिला का आरोप सही निकला। प्रतिवेदन मिलते ही एसपी ने टीआई एमडी अनंत को लाइन अटैच कर दिया है। वहीं हेड कांस्टेबल गोपाल खांडेकर को निलंबित किया गया है।

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