रायपुर। कोरोना संक्रमण काल में दुनिया ऑनलाइन चल रही है। ऐसे में ऑनलाइन ठगी का संक्रमण तो बढ़ा ही है, अब लोग इस बीमारी के इलाज करने के नाम पर भी ठगी करने से नहीं चूक रहे। ठगी भी वे कर रहे हैं जिन्हें वर्तमान में आमजनता अपने सिर आंखों पर बैठाया है। राजधानी रायपुर में एक ऐसी ही ठगी का मामला सामने आया है। जहां एक महिला मरीज को होम आइसोलेशन में ठीक करने का झांसा देकर इंजेक्शन लगा दिया और बदले में 11 हजार रुपए भी मांगे। सिविल लाइंस पुलिस ने अंबेडकर अस्पताल की नर्स और उसके सहयोगी के खिलाफ धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज किया है। सिविल लाइन थाने में संतोष तोलवानी पिता स्व. गोंविंद राम तोलवानी 39 साल निवासी पंजाब नेशनल बैंक के सामने कटोरा तालाब ने शिकायत करते हुए बताया है कि 19 सितंबर को एक व्यक्ति का उनके बड़े भैया सुनील तोलवानी के मोबाइल नंबर पर फोन आया जो खुद को नगर निगम रायपुर से बोलना बताया और पूछा कि आपके परिवार मे किसी सदस्य सर्दी, खांसी, बुखार आदि कोरोना के लक्षण है क्या? इस पर सुनील तोलवानी ने कहा कि मेरी पत्नी एवं छोटे भाई की पत्नी को सर्दी खांसी है। इस पर खुद को नगर निगम का कर्मचारी बताने वाले व्यक्ति ने एक व्यक्ति का मोबाइल नंबर 8085811117 दिया तथा इस नंबर पर संपर्क करने कहा और सेंपल लेने घर आने की बात कही। तब सुनील तोलवानी ने अज्ञात शख्स द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल किया काल रीसिव करने वाला व्यक्ति अपना नाम पूर्णेन्द्र वर्मा बताया तथा सेंपल कलेक्ट करने के लिए 19 सितंबर की शाम 4 बजे उनके घर आया तथा उनकी पत्नी एवं उनके छोटे भाई की पत्नी श्वेता का कोरोना टेस्ट के लिए सेंपल लेकर चला गया।
मैसेज भेजकर बताया कोरोना पॉजिटिव: 20 सितंबर को सनुील तोलवानी के मोबाइल में मैसेज आया जिसमें उनकी पत्नी और उनके छोटे भाई की पत्नी की कोविड 19 रिपोर्ट पॉजिटिव बताया गया। दूसरे दिन तोलवानी परिवार इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करने के बारे में विचार विमर्श कर रहे थे। इस पर वे पूणेंद्र वर्मा से इलाज के संबंध में बात किये तब वह राकेश चंद्र सिंहसार नाम व्यक्ति का मोबाइल नंबर दिया तथा बताया कि इनसे बात कर लिजिए ये डीके हास्पिटल से है ये आपको होम आइशोलेशन के लिए किट लाकर देंगे तथा घर पर ही इलाज कर देंगे।
अपनी पत्नी को भेजा इलाज के लिए: सुनील तोलवानी ने राकेश चंद्र के मोबाइल नंबर पर संपर्क किया तब वह अपनी पत्नी दीपा दास के बारे में बताया और कहा कि मेरी पत्नी दीपादास मेकाहारा अस्पताल मे स्टॉफ नर्स है वह आपके घर में ही होम आईलोशन में आपकी पत्नी को रखकर आपके घर में ही इलाज कर देगी। 21 सितंबर की दोपहर करीब डेढ़ नर्स उनके घर आई और उनकी पत्नी को रखे कमरे में घुस गई। इस दौरान वह सुरक्षा उपकरण नहीं लगाई थी। जब उसे कहा गया कि कोरोना रिपोर्ट पाजीटिव है और आप बगैर आवश्यक सुरक्षा उपकरण लगाये कमरे में जा रही है तब दीपादास ने कहा कि मुझे कोरोना वैक्सीन लगा हुआ है मुझे कुछ नहीं होगा।
कारगर वैक्सीन बताकर लगाया इंजेक्शन: अपने साथी राकेश चंद पास से इंजेक्शन लाने बोला तब राकेश चंद्र कार से निकाल कर एक इंजेक्शन दिया जिसे दीपादास ने कोविड 19 की कारगर वैक्सीन कहकर पूनम तोलवानी को लगा दिया और कुछ दवाइंया दी। उसके बाद इलाज का चार्ज के बारे में पूछा तब दोनों ने इलाज का कुल खर्च 11 हजार रुपए बताया। उतना नहीं होने की बात कही तो जितना है उतना देने की बात कही इस पर उसे 3 हजार रुपए दिया और शेष रकम के लिए समय मांगा।
शेष रकम के लिए फोन पे करने कहा: राकेश चंद्र ने फोन कर बाकी रकम को पेमेंट करने के लिए एक नंबर देकर फोन पे कर देने की बात कही। इसके बाद सुनील तोलवानी ने इसकी जानकारी अपने मेडिकल शॉप चलाने वाले दोस्त को दी। तब मेडिकल शॉप संचालक ने कहा कि अभी तक कोरोना का कोई वैक्सीन नहीं आया है। तथा शासन द्वारा कोविड 19 के इलाज के संबंध मे किसी प्रकार का कोई चार्ज नहीं लिया जाता। लोग तुम्हें इलाज के नाम पर ठगी किये है। तब जाकर उसे ठगी का एहसास हुआ।