

रायपुर। खरीफ सीजन 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए राज्य के 1289 सेवा सहकारी समितियों में नए किसानों का पंजीयन किया जा रहा है। पंजीयन प्रक्रिया 17 अगस्त से प्रारंभ किया गया है। प्रदेश में अब तक 89 हजार 481 किसानों ने गुरूवार की दोपहर 12 बजे तक पंजीयन करा चुके हंै। नए किसानों को पंजीयन कराने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर तय की गई है। बीते वर्ष समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 19 लाख 55 हजार 229 किसानों ने पंजीयन कराया था। इनसे रिकार्डतोड़ 82 लाख 80 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। अभी किसानों के पास पंजीयन कराने के लिए 8 दिनों का समय शेष है। पंजीयन कराने वाले नए किसानों की संख्या लगभग एक लाख तक पहुंचने की संभावना है। ऐसे में इस वर्ष प्रदेश में धान खरीदी के आंकड़ों के साथ-साथ कई रिकॉर्ड टूटने की संभावना है। प्रदेश सरकार द्वारा 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है।
राजनांदगांव में सबसे अधिक नए किसानों का पंजीयन: गुरूवार की दोपहर 12 बजे तक प्रदेश के 1289 सेवा सहकारी समितियों में 89 हजार 481 नए किसानों का पंजीयन किया गया है। इसमें सबसे अधिक राजनांदगांव में 13 हजार 805 किसानों का पंजीयन हुआ है। जबकि सबसे कम दंतेवाड़ा जिले में 327 किसानों का पंजीयन किया गया है। दूसरे नंबर पर दुर्ग है। जहां 5971, तीसरे नंबर पर जांजगीर-चांपा 5568, चौथे नंबर पर बिलासपुर 5524, कवर्धा 5516 और रायगढ़ में 2273 किसानों का पंजीयन किया जा चुका है।

किसानों की संख्या बढऩे से रकबा भी बढ़ा: 2019-20 में पंजीयन कराने वाले किसानों की संख्या 19 लाख 55 हजार 229 थी। जबकि रकबा 13 लाख 98 हजार 901.376 हेक्टेयर था। इस वर्ष अब तक 89 हजार 481 किसान पंजीयन करा चुके हैं। धान पंजीयन में किसानों की संख्या बढऩे से धान का रकबा भी बढ़ा है, जो कि 80 हजार 890.8398 हेक्टेयर पहुंच गया है। मतलब इस वर्ष यह रकबा 14 लाख 79 हजार 792.2 हेक्टेयर हो चुका है। धान पंजीयन में किसानों की संख्या बढऩे के पीछे समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी को बताया जा रहा है।
राज्य गठन से अब तक धान खरीद
वर्ष धान की मात्रा किसानों को भुगतान
2000-01 463104 243.84
2001-02 1334227 725.46
2002-03 1474382 823.48
2003-04 2705067 1519.95
2004-05 2886730 1651.90
2005-06 3586742 2089.98
2006-07 3714281 2334.96
2007-08 3151005 2074.56
2008-09 3747000 3225.80
2009-10 4408696 4238.15
2010-11 5073384 5131.06
2011-12 5900572 6565.80
2012-13 7121939 8992.40
2013-14 7972156 10607.39
2014-15 6310424 8726.77
2015-16 5929232 8482.05
2016-17 6959059 9860.76
2017-18 5688938 8890.87
2018-19 8038030 16933.06
2019-20 8280000 14751
(नोट- धान की मात्रा एमटी व राशि करोड़ रुपए में)
