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बिलासपुर खनिज शाखा में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी, अज्ञात आरोपी के खिलाफ 420 का मामला दर्ज

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर खनिज विभाग में सहायक ग्रेड 3 में नौकरी लगाने के नाम पर एक दिव्यांग युवक से 40 हजार रुपए ठगी करने का मामला सामने आया है। पीडि़त युवक की शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ 420 के तहत मामला दर्ज किया है। इस संबंध में सिविल लाइन पुलिस ने बताया कि राजेंद्र नगर बजरंग चौक निवासी हेमलेश्वर साहू पिता मनबोधी साहू 33 वर्ष ने बताया कि फरवरी 2018 में कलेक्टर कार्यालय बिलासपुर में खनिज शाखा में सहायक ग्रेड -03 के पद पर भर्ती के लिए आवेदन किया था। इस बीच 4 दिसंबर 2019 को मोबाइल नंबर 8420800710 का धारक जो खुद को मंत्रालय खनिज शाखा विभाग से सच्चिदानंद गुप्ता बता कर कॉल किया। अज्ञात व्यक्ति ने हेमलेश्वर से कहा कि आप कलेक्टर कार्यालय बिलासपुर में खनिज शाखा में सहायक ग्रेड-03 पद पर भर्ती के लिए आवेदन किए थे, उस पोस्ट के लिए आपका चयन हो गया है। इस पद पर 2 सीट है। इसके लिए आपको 1 लाख रूपए देना होगा। पहली बार में 30 हजार बाकी को किश्तो में देना होगा। इस पर हेमलेश्वर ने कहा कि मैं गरीब हूं इतना पैसा नहीं दे पाउंगा तो उसने कहा आपके भलाई के लिये बोल रहा हूं। सिर्फ 2 सीट है तुम दोनों दिव्यांग हो इसलिये बोल रहा हूं अगर नहीं तो मैं दूसरे को इस पद पर भर्ती कर दूंगा। दूसरा व्यक्ति 50 हजार लेके तैयार है। मंत्रालय का अधिकारी हमसे मिला हुआ है। अगर आप पैसा नहीं देंगे तो आपका चयन नहीं होगा। अधिकारी हस्ताक्षर नहीं करेंगे। अधिकारी को भी कुछ देना पड़ता है। मना करने के बावजूद बार बार फोन कर रहा था। अज्ञात व्यक्ति ने हेमलेश्वर के बारे में सब कुछ बता दिया तो उसे लगा कि मंत्रालय से ही बोल रहा होग और पैसे देने के लिए राजी हो गया। इसके बाद उसने खाता नंबर मैसेज किया उसका खाता नंबर 3876269310, नाम सच्चिदानंद गुप्ता है। पीडि़त अपने परिचित से रकम उधार लेकर आया और 05 दिसंबर 2019 को 20 हजार ट्रांसफर कर दिया।

दूसरे व्यक्ति का आया फोन: दूसरे दिन फिर 8420643087 नंबर से फोन आया। उसने कहा कि मैं मंत्रालय से हरे कृष्णा बोल रहा हूं। आवेदन मेरे पास आया है उसने भी आवेदन को देखकर पीडि़त युवक के बारे में सब सही सही बता दिया। उसके द्वारा बोला गया कि अधिकारी के हस्ताक्षर के बिना आपका चयन नहीं हो सकता है। इसके लिए 30 हजार ट्रांसफर करना पडेगा। उसके बाद उसने सच्चिदानंद गुप्ता को काल करके बताया तो उसने कहा कि मंै बात करता हूं। दूसरे दिन फोन करके बताया कि वह नहीं मान रहा है। आप कहीं से भी 20 हजार प्रबंध करके दे दो 10 हजार मैं अपने से दे दूंगा। ऐसा मौका बार बार नहीं मिलता है। फिर 20 हजार रुपए उधार लेकर ट्रांसफर कर दिया। पैसे लेने के बाद दोनों मोबाइल नंबर बंद हो गए तो ठगी का एहसास हुआ और थाने में शिकायत की।

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