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फांसी के फंदे पर लटकने से पहले महिला ने पी शराब और फिर पति व बेटे के साथ झूल गई, सौभाग्य से बेेटे की बच गई जान, देनदारों से परेशान होकर की थी खुदकुशी, चार पर जुर्म दर्ज

रायपुर। राजधानी रायपुर के उरला थाना क्षेत्र के बिरगांव संतोषी पारा में डेढ़ साल पहले एक हृदय विदारक घटना सामने आई थी। एक ही परिवार के तीनों लोगों ने फांसी के फंदे पर झूल गए थे। सौभाग्य से जवान बेटे की जान इसलिए बच गई थी कि फंदा बड़ा होने से उसका पैर जमीन पर छू गया था। जबकि दंपती की मौत हो गई थी। इस मामले में डेढ़ साल बाद उरला पुलिस ने जांच उपरांत चार लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। आरोपियों द्वारा उधार में दिए गए पैसे लेने के लिए दबाव बनाने की वजह से दंपत्ति ने खुदकुशी की थी। जानकारी के मुताबिक, संतोषी पारा निवासी मोहन लाल साहू (45 साल) और राधा साहू (35 साल) अपने 18 साल के बेटे सेवकराम साहू के साथ रहते थे और नमकीन बनाकर बेचने का व्यवसाय करते थे। नमकीन बनाने वाली मशीन लगाने के लिए मोहन साहू ने पड़ोसी हरेंद्र उर्फ राजा साहू, मोनू उर्फ वासू देवांगन, रामेश्वर ठाकुर और उसकी पत्नी गीता ठाकुर से उधार में पैसा लिया था। व्यवसाय में मंदी होने के कारण वह पैसा नहीं पटा पाया तो पैसे की मांग करते हुए उसके घर जाकर चेक जारी करने की धमकी देते थे। इससे परेशान होकर मोहन साहू, उसकी पत्नी राधा साहू और उसका बेटा सेवक राम साहू आत्महत्या करने पर मजबूर हो गए और 6 मार्च की रात 2 बजे फांसी के फंदे पर तीनों एक साथ झूल गए। हालांकि सेवक राम की जान इसलिए बच गई क्योंकि फंदा बड़ा होने की वजह से उसका पैर जमीन पर छू गया था। इससे वह बच गया। उरला पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही थी। जांच उपरांत पुलिस ने शनिवार को आरोपी हरेंद्र उर्फ राजा साहू, मोनू उर्फ वासू देवांगन, रामेश्वर ठाकुर और उसकी पत्नी गीता ठाकुर के खिलाफ खुदकुशी करने के लिए मजबूर करने की धारा 306, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।

फांसी के फंदे पर झूलने से महिला ने पी शराब: पुलिस को पूछताछ में सेवक राम ने बताया है कि आरोपियों के धमकी से तीनों परेशान हो गए थे। उनके पास मरने के सिवाय कोई रास्ता नहीं बचा था। तीनों विचार विमर्श होने के बाद खुदकुशी करने की ठानी। फांसी पर लटकने से पहले इसकी मां बोली की मैं ऐसे नहीं मर पाऊंगी तो उसके पति शराब लेकर आया जिसे राधा बाई पी गई उसके बाद फांसी के फंदे पर झूल गई।

दो माह ही चुकता नहीं कर पाए थे उधार में लिए रकम: पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई है कि मृतक मोहन साहू घटना दिनांक के छह पूर्व नड्डा व मुरकू बनाने के लिए आरोपी हरेंद्र साहू से 40 हजार रुपए उधार लिया था। चार माह तक बराबर पैसा पटा रहा था, लेकिन बीच में उसका धंधा चौपट हो गया तो दो माह ही नहीं पटा पाया। इसके बाद रामेश्वर ठाकुर से पैसा लिया, उसका भी पैसा जमा कर रहा था। बावजूद इसके पैसे वापस करने के लिए उस पर दबाव बनाया जा रहा था। जिसके कारण साहू दंपत्ति ने दबाव में आकर खुदकुशी कर ली।

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