रायपुर। पेंशन अधिकारी बनकर सेवानिवृत्त पुलिस कर्मचारियों से ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के पांच लोगों को छत्तीसगढ़ के तीन जिलों की पुलिस ने पकड़ा है। पकड़े गए आरोपियों से कई मोबाइल, एटीएम कार्ड, नकदी करीब साढ़े 3 लाख रुपए समेत अन्य सामग्री भी जब्त किया है। इन आरोपियों ने छग के करीब एक दर्जन जिले में 40 लाख रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। इन्हें पकड़ने के लिए डीजी के निर्देश पर तीन आईजी द्वारा अपने अपने रेंज के एसपी को टीम गठित करने के लिए कहा और एक प्रशिक्षु डीएसपी के नेतृत्व में टीम बनाकर झारखंड व बिहार रवाना किया। जहां कई दिनों के अथक प्रयास के बाद इस गिरोह के पांच लोगों को पकड़ लिया गया। रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राजनांदगांव पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने मामले का खुलासा किया। ऑनलाइन ठगी के पांचों आरोपियों को पुलिस ने रिमांड पर रखा है।
तीन जिलों की पुलिस ने की कार्रवाई-राजनांदगांव, महासमुंद एवं दंतेवाड़ा पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा बिहार झारखण्ड में छापामार कार्यवाही की गई। दरअसल, छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलो के सेवानिवृत पुलिस अधिकारी को पेंशन अधिकारी बताकर राजनांदगांव, महासमुंद, कांकेर, दंतेवाड़ा, रायपुर, सरगुजा व बिलापुर में कुछ ही दिनों में ही करीबन 40 लाख रूपये की ठगी कर चुके थे। हाईप्रोफाईल ठग कई टीम बनाकर ठगी की घटना को अंजाम देते थे।
पश्चिम बंगाल के महिलाओं के नाम लिया था सीम- पुलिस को गुमराह करने हेतु आरोपियों द्वारा पश्चिम बंगाल के महिलाओं के नाम पर फर्जी सिम खरीदकर बिहार- झारखण्ड बार्डर के जंगलों में बैठकर ठगी के लिए फोन करते थे ठगी कर आरोपी अलग-अलग दिशाओं में चले जाते थे रकम आहरण करने हेतु झारखण्ड के देवघर, गिरिडिह, डुमका जिले के अलग-अलग एटीएम का उपयोग करते थे, रकम आहरण पश्चात् वापस बिहार आकर अपने- अपने ठिकानों में चले जाते थे।
सभी सदस्यों में बंटा हुआ था काम- फर्जी सिम लाने, फोन करने, खातों में रकम ट्रांसफर करने से लेकर एटीएम से रकम निकालने ठगों के हर सदस्यों का अलग-अलग काम बंटा हुआ था। सेवानिवृत होने वाले अधिकारियों के बारे में ऑनलाईन पहचान करते थे। इसके बाद बड़ी चतुराई से अपने आप को पेंशन अधिकारी बताकर प्रार्थी की खातें की संपूर्ण जानकारी ले लेते थे। इसके बाद ऑनलाइन पैसे निकाल कर ठगी करते थे।
इन्होंने कई दिनों तक झारखंड व बिहार में डाला था डेरा- आरोपियों को पकड़ने के लिए कई दिनों तक तीन जिले की पुलिस टीम बिहार व झारखंड के अलग अलग जगहों पर डेरा डाली थी। तब जाकर आरोपियों को पकड़ने में सफलता मिली। इनमें (प्रशिक्षु) डीएसपी मयंक रणसिंह, निरीक्षक अमित पाटले दंतेवाड़ा) , उपनिरीक्षक नरेन्द्र मिश्रा, उप निरीक्षक संजय राजपूत (मंहासमुंद), उप निरीक्षक शैलेश पाण्डेय देवघर), सउनि विकास शर्मा (महासमुंद), प्रधान आरक्षक बसंत राव, जी सिरिल, मिनेश ध्रुव(महासमुंद), आरक्षक मनीष मानिकपुरी, प्रवीण मेश्राम, राकेश ध्रुव, आदित्य सिंह हेमन्त साहू (सायबर सेल राजनांदगांव), रविन्द्र गुप्ता(दंतेवाड़ा) जुगेश सिंह पैकरा (दंतेवाड़ा), शुभम पाण्डेय (महासमुंद), विरेन्द्र नेताम(महासमुंद) की सराहनीय भूमिका रही।
पुलिस ने इन आरोपियों को पकड़ा- विशेष टीम द्वारा आरोपी (01) बाबुर अली हेम्ब्राम पिता लखीराम हेम्ब्राम उम्र 30 वर्ष साकिन लीलावरण पोस्ट चुआपानी थाना बंधुआकुरावा (पुराना थाना बौन्सी) जिला बांका (बिहार) (02) मनोज कुमार राय पिता जर्नादन राय निवासी लीलावरण थाना बंधुआकुरावा (पुराना थाना बौन्सी) जिला बांका (बिहार) (03) रोहित कुमार यादव पिता भगिरोध यादव निवासी झालर थाना बंधुआकुरावा (पुराना थाना बौन्सी जिला बांका (बिहार) (04) पिन्टु कुमार मंडल पिता छोटन मंडल निवासी बगीचा थाना बौन्सी बिहार एवं (05) जितेन्द्र चौधरी पिता देवेन्द्र चौधरी निवासी लीलावरण थाना बंधुआकुरावा (पुराना थाना बौन्सी) जिला बांका (बिहार) को गिरफ्तार कर आरोपियों के कब्जे से 07 नग विभिन्न कंपनियों के मोबाईल, 02 नग लैपटॉप 01 नग कलर प्रिंटर, 12 नग विभिन्न बैंकों के एटीएम, 02 नग इंडिया पोष्ट पेयमेंट बैंक का काड, 02 नग जियों कंपनी का नया सिम, 04 आधार कार्ड, 02 नग मतदाता परिचय पत्र, 02 नग पैनकार्ड सहित 03 लाख 62 हजार रूपये नगद जप्त किया गया।