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रायपुर। छग के दुर्ग में एक किसान द्वारा नकली कीटनाशक दवा के उपयोग से फसल नुकसान होने पर खुदकुशी कर ली। इस मामले में राज्य शासन के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का एक बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि इस पूरे मामले की राज्य सरकार द्वारा जांच करवाई जाएगी। जांच में दोषी पाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का दावा किया है। वहीं वे मृतक के परिजनों से भी मुलाकात करेंगे और पीडि़त परिवार को मुआवजा देने पर भी विचार करने की बात कही है। बता दें कि दुर्ग जिले के ग्राम मातरोडीह निवासी दुर्गेश निषाद पिता ढिलनराम 34 वर्ष ने शनिवार की रात खेत के मेड़ के पेड़ पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। पुलिस को मृतक के जेब से एक सुसाइडल नोट मिला जिसमें दुर्गेश निषाद ने लिखा था कि मेरी फसल में बीमारी हो गई थी। मैंने तीन बार फसल में दवा का छिड़कांव किया। फिर भी मेरे खेत की फसल की बीमारी खत्म नहीं हो रही थी। इसलिए मैं खुदकुशी कर रहा हूं। जानकारी के मुताबिक, किसान ने तीन एकड़ अपनी और तीन एकड़ कृषि जमीन रेग में लेकर खेती कर रहा था। मतलब छह एकड़ जमीन पर धान की फसल लहलहा रही थी, उसमें बीमारी फैल गई और फसल बर्बाद हो गई। इससे आमदनी तो दूर रेग में लिए जमीन का भुगतान करने लायक भी फसल हासिल नहीं होता। इससे युवा किसान तनाव में था और खुदकुशी कर ली।
फसल ठीक होने की बजाय खराब हो गई: मृतक ने सुसाइडल नोट में अपनी फसल में बीमारी लगने की वजह से तीन बार दवा छिड़काव करने की बात लिखी है। जिस कीटनाशक दवा का उपयोग किया उससे फसल ठीक होने की बजाय उल्टा झुलस गई। इससे कीटनाशक दवा पर उंगली उठ रही है। सूत्रों की माने तो नकली कीटनाशक दवा होने की वजह से फसल बर्बाद हो गई। लिहाजा अब इस पूरे मामले की जांच राज्य सरकार करेगी।
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