

बरमकेला। दो टाइगर पिंजरे में कैद हो गए। इन शेरों को सलाखों के पीछे भेजने वाले प्रशिक्षु डीएसपी व रायगढ़ जिला अंतर्गत डोंगरीपाली थाना प्रभारी सतीश भार्गव हैं। पिछले लंबे समय से ये टाइगर पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहे थे। लेकिन प्रशिक्षु डीएसपी के पंजे से टाइगर नहीं बच पाए। दरअसल, ये टाइगर कोई जंगली जानवर नहीं, बल्कि इंसान हैं। जिसे डोंगरीपाली पुलिस द्वारा अवैध शराब बिक्री व परिवहन के आरोप में पकड़ा गया है। इनके कब्जे से 30 लीटर कच्ची महुआ शराब बरामद हुआ है। दोनों आरोपियों के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को प्रशिक्षु डीएसपी व डोंगरीपाली थाना प्रभारी सतीश भार्गव को मुखबिर ने सूचना दी कि ग्राम बनहर के डीपापारा निवासी विनय टाइगर के घर पीछे अवैध महुआ शराब बेचा जा रहा है। इस पर वे तत्काल मौके की ओर पेट्रोलिंग टीम के साथ पहुंचे और चारों तरफ से विनय टाइगर के घर को घेराबंदी की गई। इस दौरान दो व्यक्ति घर के पीछे अवैध शराब बेच रहे थेे। जिन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया गया। आरोपियों के कब्जे से एक सफेद रंग के प्लास्टिक पन्नी में भरा करीबन 30 लीटर अवैध महुआ शराब बरामद हुआ। पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम विनय टाइगर पिता लालसाय 28 वर्ष एवं विकास टाइगर पिता लालसाय 23 वर्ष दोनों निवासी बनहर डीपापारा बताया। दोनों आरोपियों के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत जुर्म दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
खुली छूट मिल गई थी, अब डीएसपी पर लगाम की आस: डोंगरीपाली थाना अंतर्गत करीब 45 गांव है। इनमें 80 प्रतिशत गांवों में महुआ शराब बनाया व बेचा जा रहा है। कुछ लोगों को क्षेत्र के छुटभैय्ये नेताओं का संरक्षण प्राप्त है तो कुछ को डोंगरीपाली थाना स्टॉफ के सांठगांठ होने का आरोप लगते रहे है। इससे यह अवैध कारोबार धड़ल्ले से इस क्षेत्र में चल रहा है, लेकिन डोंगरीपाली में प्रशिक्षु डीएसपी सतीश भार्गव की पदस्थापना से लोगों में आस जगी है कि इस अवैध कारोबार पर पूरी तरह से अंकुश लगाकर क्षेत्र के लोगों व रायगढ़ के संवेदनशील एसपी संतोष सिंह की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। हालांकि डीएसपी को अपने थाना स्टॉफ के साथ क्षेत्र के कुछ चाटूकार लोगों से भी सावधान रहना होगा, जो खुद को पुलिस मुखबिर बताकर क्षेत्र में अवैध उगाही को भी अंजाम देते है।

इन गांवों में खुलेआम बिक रहा महुआ शराब: ग्राम बनहर, मंजूरपाली, हट्टापाली, छिंदपतेरा, जगदीशपुर, कर्रामाल, परधियापाली, करपी, मौहापाली, टेकापत्थर, केरमेली, खम्हरिया, कालाखूंटा, अकबरटोला, जीरापाली, पतेरापाली, आमापाली, रंगाडीह, नरेशनगर , दूलोपाली, झाल, सराईपाली, बनवासपाली समेत अन्य गांव हैं। जहां खुलेआम अवैध शराब बनाकर बेचा जा रहा है।
