क्राइमछत्तीसगढ़महासमुन्द

जंगली जानवरों के लिए बिछाया था करंट, चपेट में आया हथिनी, 7 ने किया सरेंडर, 2 फरार

रायपुर। बीते दिन किशनपुर में एक हथिनी को करेंट लगाकर मारने का मामला सामने आया था। अब इस घटना को फारेस्ट विभाग ने सुलझा ली है। हथिनी को 09 लोगों ने प्लान कर करेंट से चिपकाया था। 7 लोग फारेस्ट के गिरफ्त में हैं वहीं दो लोग फरार बताए जा रहे हैं। किशनपुर के अलावा सभी आरोपी आसपास गांव के ही हैं। आरोपियों के पास से फारेस्ट विभाग ने शिकार करने के सभी प्रयुक्त समाग्री जब्त कर ली है। इसी फंदे में फंसने से एक भालू की मौत की बात भी कबूल की है। वन विभाग द्वारा करीब डेढ़ दर्जन ग्रामीणों से पूछताछ के बाद रविवार की शाम हाथी की मौत के कारण एवं आरोपियों के नाम का खुलासा किया। विभागीय जानकारी के अनुसार महासमुन्द वनमण्डल के अंतर्गत वन परिक्षेत्र पिथौरा में 26 सितंबर की सुबह सूचना मिलने पर ग्राम किशनपुर नगेडिय़ा डिण नारंगी क्षेत्र कक्ष कं. 491 के पास विद्युत करेंट लगाकर वन्यप्राणियों के शिकार करने के लिए जीआई तार बिछाया गया था। करंट से वन्यप्राणी मादा हाथी की मृत्यु हो गई थी। सूचना मिलने पर वन अमले तथा सुरेश नवरंग डॉग स्क्वाइड प्रभारी अचानकमार टाइगर रिजर्थ के व्दारा ग्राम किशनपुर एवं रामपुर (डीपापारा ) में छापामार कार्यवाही की गई।

इन आरोपियों को किया गिरफ्तार: करंट बिछाकर हथिनी की जान लेने के मामले में वन विभाग ने आरोपी मखियार यादव पिता परदेशी यादय निवासी किशनपुर, सहदेव पिता लाला सन्म किशनपुर, नरोत्तम साहू पिता जगत साहू किशनपुर, सिरपत पिता पैतराम बरिहा किशनपुर, अमृतलाल पिता हरिराम यादव ग्राम किशनपुर, अशोक पिता रसिक बुड़ेक किशन, जयनाथ पिता कसी ग्राम लक्ष्मीपुर को गिरफ्तार किया गया है। इन आरोपियों के घर से बिजली तार, हुकिंग, लकड़ी की खूंटी, कांच शीशी, जेआई पाइप समेत अन्य सामग्री जब्त हुआ है।

ग्रामीणों ने सरेंडर के लिए बनाया दबाव: जानकारी के अनुसार वन विभाग द्वारा कुछ संदिग्ध ग्रामीणों से पूछताछ की जा रही थी। वही हथिनी की मौत से ग्रामीण आत्मग्लानि भी महसूस कर रहे थे। लिहाजा वन विभाग की पूछताछ और बयान के अलावा गांव में भी ग्रामीणों की एक बैठक चल रही थी जिसमें हाथी की मौत के जिम्मेदार ग्रामीणों को समर्पण करने के लिए दबाव बनाया गया। ग्रामीणों के दबाव के चलते अंतत: कुल 9 में से 7 आरोपियों ने ग्राम के कोटवार को इसकी जानकारी दे दी। इसके बाद वन विभाग की टीम सभी 7 पिथौरा आरोपियों को लेकर विभागीय कार्यालय पहुंची और प्रकरण तैयार कर शेष ग्रामीणों को छोड़ा गया।

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