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रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस साल 1 दिसंबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान खरीदी शुरू होगी। सरकार ने इस साल 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। राज्य में एमएसपी पर धान बेचने के लिए 17 नवंबर तक 21 लाख 48 हजार 630 किसानों का पंजीयन किया गया है। इनमें वे किसान भी शामिल हैं, जिन्होंने पिछले साल पंजीयन कराया था। इनके अलावा नए किसानों का भी पंजीयन किया गया है। राज्य सरकार ने धान खरीदी की तैयारी कर ली है। मुख्य सचिव आरपी मण्डल ने सभी संभागायुक्तों, कलेक्टरों, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला विपणन अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा, किसानों द्वारा उत्पादित धान एक दिसम्बर से खरीदना है। 90 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी का लक्ष्य निर्धारित है। जिसकी लागत करीब 22 हजार 500 करोड़ होगी। उन्होंने कलेक्टरों को सभी धान खरीदी केन्द्रों में समुचित तैयारी रखने को कहा, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े।
मुख्य सचिव ने बारदाना संकट से निपटने के उपायों पर भी बात की। उन्होंने कहा, इस वर्ष नया जूट बारदानों की आपूर्ति की कमी हो रही है। इसे देखते हुए पीडीएस का लगभग 1 लाख गठान बारदाना एवं राइस मिलर्स के माध्यम से लगभग 2 लाख गठान पुराने बारदानों को एकत्रित करने का लक्ष्य रखा गया है। 70 हजार गठान प्लास्टिक बारदानों की भी व्यवस्था की जा रही है। एमडी मार्कफेड ने बताया, आज की स्थिति में 42 हजार पीडीएस एवं एक लाख 23 हजार गठान कस्टम मिलर्स के माध्यम से बारदानों की व्यवस्था की जा चुकी है।
कलेक्टरों को व्यवस्था संभालने का निर्देश- मुख्य सचिव ने सभी जिला कलेक्टरों को धान खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी के पूर्व फड़, कम्प्यूटर, प्रिंटर, कांटा-बांट, जनरेटर, यूपीएस, नमी मापक यंत्र, डनेज, केप कवर्स की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। इस वर्ष प्रदेश में दो हजार 205 धान खरीदी केन्द्र बनाये गये हैं। इसमें 157 नये धान खरीदी केन्द्र है। इसकी समुचित व्यवस्था कलेक्टरों को करनी है।
रकबा ढाई प्रतिशत बढ़ा- राज्य में इस साल करीब ढाई लाख नए किसानों ने एमएसपी पर धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। नए पंजीयन कराने वालों की कुल संख्या 2 लाख 49 हजार 84 है। माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में धान की सर्वाधिक कीमत 2500 रुपए प्रति क्विंटल मिलने के कारण किसानों की धान उत्पादन में रुचि बढ़ी है। नए किसानों के सामने आने से प्रदेश में धान का कुल रकबा ढाई प्रतिशत बढ़ा है। प्रदेश में इस साल धान का रकबा बढ़कर 27 लाख 53 हजार 296 हेक्टेयर से भी अधिक है। प्रदेश में इस साल करीब सवा लाख करोड़ मीट्रिक टन धान का उत्पादन संभावित है।
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