

बरमकेला। कोरोना संक्रमण काल चल रहा है। गांव-गांव मरीजों को कोरोना के अलावा दूसरी बीमारियां अपनी चपेट में ले रही हैं। सरकारी अस्पतालों में लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। इसका लाभ उठाने में झोलाछाप डॉक्टर पीछे नहीं हैं। बगैर डिग्री के झोलाछाप डॉक्टर पूरे जिले में हजारों की संख्या में सक्रिय है। केवल बरमकेला ब्लॉक में 200 से अधिक झोलाछाप डॉक्टर लोगों की जान खतरे में डाल रहे हैं। न्यायालय व राज्य शासन ने कुछ समय पूर्व आदेश दिए थे कि झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिक बंद कराए जाएं। इस आदेश के बाद भी जिले में स्थिति ये है कि स्वास्थ्य विभाग के पास एक सैकड़ा भी झोलाछाप डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन तक नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग झोलाछाप डॉक्टरों पर ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रही है। जबकि इन डॉक्टरों द्वारा कई लोगों की जान ले चुके हैं। बरमकेला स्वास्थ्य अमला द्वारा समय-समय पर खानापूर्ति की कार्रवाई जरूर की जाती है। मंगलवार को भी बरमकेला थाना अंतर्गत ग्राम तौंसीर में एक झोलाछाप डॉक्टर के यहां छापामार कार्रवाई कर क्लीनिक सील कर दी गई। जानकारी के मुताबिक, मूलत: पश्चिम बंगाल निवासी उत्तम सरकार पिछले कई सालों से तौंसीर में क्लीनिक संचालित कर रहा था, लेकिन इसकी भनक स्वास्थ्य अमला को लगी नहीं या फिर जानबूझकर अनजान बना रहे। मंगलवार को किसी ने शिकायत की तो उसके यहां दबिश दी गई। उसके पास से भारी मात्रा में दवाईयां बरामद हुई है। जांच के दौरान रजिस्ट्रेशन व किसी भी तरह का डिग्री व दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। जिसके बाद क्लीनिक को सील कर दी गई।