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उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद , हार-जीत के दावों का दौर जारी, कांग्रेस ने कहा जीत रिकार्ड जीत मिलेगी, भाजपा ने कहा मिलेगी भारी जीत

रायपुर। मरवाही विधानसभा उपचुनाव के उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम मशीनों में बंद हो गई है। अब हार-जीत के दावों का जोर जारी है। कोरोना काल में हुए मरवाही विधानसभा उपचुनाव में शाम 6 बजे तक 77.25 प्रतिशत यानी बंपर वोटिंग हुई है। मतदाताओं ने वोट के लिए भारी उत्साह दिखाते वोट डाले। निवाचन कार्यालय के द्वारा जारी अनतिम आंकड़ों में दो प्रतिशत तक परिवर्तन होने पर मतदान पिछले विधानसभा चुनाव के बराबर 80 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया जा रहा है। मरवाही पिछले 20 साल से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का गढ़ रहा। मरवाही में वैसे भी लोकतंत्र की जड़ें इन मायनों में गहरी हैं कि हर चुनाव में यहां भारी मतदान होता है, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से संभावना जताई जा रही थी कि मतदान कम हो सकता है। देर शाम तक सामने आए आंकड़ों से साफ हुआ है कि मरवाही के मतदाताओं ने बंपर वोटिंग की है। अब मतदान के अंतिम आंकड़े आने के साथ ही वोटिंग का प्रतिशत कांग्रेस-भाजपा के लिए चिंतन का विषय बन गया लगता है। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की मृत्यु के कारण खाली हुई सीट पर हो रहे चुनाव में भारी मतदान के पीछे वजह क्या हो सकती है। खास बात ये है कि श्री जोगी का परिवार इस चुनाव मैदान से बाहर है, लेकिन उनकी पार्टी ने भाजपा को समर्थन दिया है। कांग्रेस विकास के एजेंडा के साथ मैदान पर है। भाजपा ने कांग्रेस सरकार के अब तक के कार्यकाल को ही मुद्दा बनाया था। अब चिंतन इस बात का कि किसका मुद्दा असरदार रहा। क्योंकि यहां कांग्रेस ने भाजपा के लोगों को खरीद लिया है। तीन केंद्रों पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी आगे रहेगी। शेष सभी 271 मतदान केंद्रों पर भाजपा-जकांछ गठबंधन का उम्मीदवार लीड करेगा। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो अधिक मतदान सरकार के खिलाफ होती है, लेकिन उपचुनाव में अधिक मतदान सरकार के पक्ष में होता है। उस लिहाज से ऐसा लोग मान रहे हैं कि इस बार कांग्रेस कही सारे रिकार्ड ही न तोड़ दे। पिछले चुनाव में भाजपा जोगी को नकली आदिवासी बता रही थी और इस चुनाव में उसी का समर्थन लेकर वोट मांग रही थी, जबकि इस मामले में कांग्रेस का रूख शुरू से स्पष्ट था। इससे भी चुनावी आबोहवा बदला नजर आया। बहरहाल चुनाव के परिणाम 10 नवंबर को आएगा, तब तक ऊंट किस करवट बैठेगा इंतजार करना पड़ेगा।

पिछले चुनाव से अधिक हुआ मतदान
मरवाही विधानसभा के लिए 2018 में हुए मुख्य चुनाव में 80 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी अपनी नवगठित क्षेत्रीय पार्टी जोगी कांग्रेस के निशान पर मैदान पर उतरे में थे। उनके मुकाबले भाजपा से अर्चना पोर्ते प्रत्याशी थीं। वे इस चुनाव में श्री जोगी की निकटतम प्रतिद्वंद्वी थीं। इस चुनाव में कांग्रेस ने गुलाब सिंह को उतारा था, लेकिन वे जोगी के मुकाबले टिक नहीं पाए। उन्हें तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था।

कांग्रेस ने किया जीत का दावा
इधर कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने दावा किया, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और जकांछ विधायक धर्मजीत सिंह सहित जोगी परिवार के एक होने के बाद भी मरवाही में भाजपा प्रत्याशी गंभीर सिंह की करारी हार होगी। ठाकुर ने कहा, मरवाही विधानसभा उपचुनाव में भाजपा और भाजपा की बी टीम के सांठगांठ षडय़ंत्र का पर्दाफाश हुआ है। मरवाही की जनता नकली आदिवासी को पहचान चुकी है। धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा, मरवाही में भाजपा और भाजपा की बी टीम पूरी ताकत से लगी रही। उसके बावजूद मरवाही की जनता का जबरदस्त रुझान कांग्रेस के पक्ष में सामने आया है। मरवाही की जनता ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया है।

कांग्रेस को 19 जगहों पर मिलेगी लीड
अमित जोगी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए दारू, बकरा, साड़ी, बिछिया और नकद रुपए बांटे हैं। अमित जोगी ने कांग्रेस की ओर से प्रति वोटर 15 हजार रुपया दिए जाने का भी आरोप लगाया है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अमित जोगी ने दावा किया है, कांग्रेस को मरवाही के केवल 19 मतदान केंद्रों पर ही लीड मिलेगी।

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