रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर व सुकमा जिले में पुलिस के साथ-साथ सरकार की भी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। क्योंकि अब ग्रामीण भी एयर स्ट्राइक के विरोध में आ गए हैं। सूत्रों की माने तो मंगलवार को सुकमा और बीजापुर के ग्रामीण कोंडापल्ली गांव में एकत्रित हुए। ग्रामीणों की संख्या करीब 7 हजार के आसपास थी। ग्रामीणों ने नक्सलियों पर हुए एयर स्ट्राइक को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। बताया जा रहा है कि हवाई हमले से जान-माल को नुकसान पहुंचने की आशंका से आदिवासी ग्रामीण चिंतित हैं। एयर स्ट्राइक से प्राकृतिक संसाधन और संपदाओं को भी नुकसान पहुंचने से इनकार नहीं किया जा सकता। इसलिए माओवाद से प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण खुलकर एयर स्ट्राइक का विरोध कर रहे हैं।
नक्सलियों ने लगाया था ये आरोप: बता दें कि 20 अप्रैल को दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने एक प्रेस नोट जारी कर एयर स्ट्राइक का दावा किया था। नक्सलियों ने सीधे तौर पर आरोप लगाया था कि नक्सल प्रभावित इलाकों में 19 अप्रैल को 12 ड्रोन बम गिराए गए। सबूत के तौर पर बकायदा बमबारी की तस्वीरें भी जारी की गई। नक्सलियों ने बम गिराए जाने का एक फोटो और एक वीडियो भी जारी किया था जिसमें बम के अवशेषों को दिखाया गया था। यह भी दावा किया गया था कि एयर स्ट्राइक की खबर नक्सलियों को हो चुकी थी। लिहाजा हमले से पहले ही अपना ठिकाना बदल चुके थे, जिसके चलते उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा था।
बस्तर आईजी ने कहा था बौखलाहट में है नक्सली, बताया था बेबुनियाद: माओवादियों के ड्रोन से हमले के दावे पर बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि बौखलाहट में माओवादी बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। वह झूठी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं। हजारों निर्दोष ग्रामीणों की हत्या, निर्माण कार्य में लगे वाहनों और मशीनों में आगजनी जैसे जनविरोधी और विकास विरोधी हरकत को अंजाम देकर माओवादी झूठी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं। अब ग्रामीण भी इसके विरोध में आ चुके हैं। ऐसे में पुलिस के लिए मुसीबतें खड़ी होती दिख रही है।