रायपुर। ओम प्रकाश (ओपी) चौधरी…किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। एक समय छत्तीसगढ़ के अच्छे आईएएस अफसरों मेंं शुमार रहे ओपी चौधरी, वर्तमान में युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। आईएएस की नौकरी छोड़ने के बाद चौधरी राजनीति में सक्रिय होने के साथ-साथ छात्रों को कॅरियर मार्गदर्शन देने का कार्य कर रहे हैं। युवाओं के सामने कॅरियर को संवारने के लिए बहुत बड़ी समस्या रहती है। इसके लिए युवा तनाव में भी रहते हैं, जानकारी के अभाव में कई बार ऐसे अवसरों से चूक जाते हैं जो कि उनके भविष्य को संवार सकते हैं। निजी स्कूलों में तो युवाओं को कॅरियर के बारे में जानकारी दी जाती है और उनके बेहतर भविष्य संबंधी जानकारी भी दी जाती है, लेकिन सैकड़ों ऐसे छात्र होते हैं जिन्हें यह पता ही नहीं होता कि उनके कॅरियर के लिए सही है या नहीं। इनके पास कोचिंग के लिए पैसे नहीं होते हैं, ऐसे ही छात्रों को कॅरियर मार्गदर्शन देने का कार्य कर रहे हैं ओपी चौधरी। वहीं सोशल मीडिया में भी वे सक्रिय रहते हैं। ओपी चौधरी को लगातार ऑनलाइन ट्रोलिंग का सामना करना पड़ता है। जिसके बारे में हम में से अधिकांश लोग जानते हैं। एक-एक पोस्ट पर ट्राेलर्स की नजर रहती है, चाहे वह कुछ भी अपलोड करते हो, हर बार उन्हें ट्रोल किया जाता हैं।
पूर्व आईएएस व भाजपा नेता ओपी चौधरी आज सोमवार शाम 7 बजे इस साल पूरे देश में आईएएस टॉप करने वाले बिहार के 24 साल के शुभम कुमार का लाइव इंटरव्यू लेने वाले हैं। इसी संबंध में उन्होंने एक पोस्ट शेयर किया और यूजर्स से भी अपने सवाल सुबह 9 बजे तक भेजने की अपील की। इसके बाद कुछ यूजर्स आईएएस की नौकरी छोड़ राजनीति में आने को लेकर सवाल करना शुरु कर दिया। राजन सिंह पटेल नामक एक यूजर्स ने लिखा- अक्सर IAS ऑफिसर कुछ साल की सेवा के पश्चात अक्सर नेता क्यों बनना चाहते हैं? क्या वो सेवा IAS बने नहीं किया जा सकता है? जब नेता ही बन के सेवा देना हो तो IAS क्यों बनना ? क्या एक MLA, IAS से बढ़िया सेवा दे सकता है? ओपी चौधरी ने इस सवाल का जवाब तो नहीं दिया, लेकिन ओपी चौधरी के एक समर्थक ने लिखा- आप पहले यह पता करें कि IAS का क्या दायित्व होता है और MLA का क्या दायित्व होता। नेता योजना व कानून बनाने का काम करते हैं और उसकी योजना,कानून को सही तरीके से क्रियान्वयन करने का काम IAS का होता है यदि योजना, कानून सही बने तो फिर सब सही होगा।