Thursday, November 21, 2024
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छत्तीसगढ़ में मिला दुर्लभ प्रजाति का हिरण, वन विभाग ने सुरक्षित जंगल में छोड़ा, अब तक नहीं देखा होगा ऐसा हिरण…

बचेली। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला की पहाड़ी में विश्व के सबसे छोटे प्रजाति का हिरण मिला है। इस बात की पुष्टि तब हुई जब इसी प्रजाति का एक हिरण घायल अवस्था में शहरी क्षेत्र में पहुंच गया। वन विभाग ने हिरण का इलाज करवाया और वापस बैलाडीला के घने जंगल-पहाड़ी में छोड़ दिया गया। बताया जा रहा है कि इस प्रजाति के हिरण का वजन सिर्फ तीन किलो ही होता है। यह बेहद दुर्लभ प्रजाति का वन्य जीव है। जानकारी के मुताबिक, दंतेवाड़ा के बचेली सुभाष नगर में रात के समय जंगल से भटकते हुए यह दुर्लभ प्रजाति का हिरण आ गया। इसकी सूचना लोगों ने वन विभाग को दी। जिस पर बचेली वन परिक्षेत्र अधिकारी आशुतोष मांडवा डिप्टी रेंजर अघन श्याम भगत, बीट प्रभारी राजेश कर्मा सहित वन कर्मी के साथ उस जीव को आवासीय इलाके से निकाल कर वन विभाग के कार्यालय ले गए। वन परिक्षेत्र अधिकारी आशुतोष मांडवा ने बताया की घटना की सूचना उच्च अधिकारियों को दी गई। तथा उनके परामर्श अनुसार तत्पश्चात रायपुर जंगल सफ ारी के पशु चिकित्सक से परामर्श लेकर बचेली के पशु चिकित्सक से इस जीव की जांच करावाई। जीव थोड़ा घबराया हुआ और चोटिल था। इसलिए पश ुचिकित्सक से उसका उपचार करवा कर ठीक होने पर उसे घने जंगलों में छोड़ दिया।

यह हिरण की सबसे छोटी प्रजाति : जानकारों की माने तो यह अत्यंत दुर्लभ प्रजाति का हिरण, इंडियन माउस डियर (इंडियन स्पॉटेड शेवरोटेन) जिसका वैज्ञानिक नाम मोसियोला इंडिका हैं। ये विश्व की सबसे छोटी हिरण की प्रजाति मानी जाती हैं, इसकी लंबाई 57.5 सेमी. होती है और वजन 3 किलोग्राम के आस पास होता है। ये रात में निकलने वाला जीव है। और बहुत मुश्किल से ही देखने को मिलता है। यहां तक की कैमरा ट्रैप में भी इसकी कम ही तस्वीरे हैं। ये छुपने में बहुत माहिर होता हैं। और जंगल में इसे देख पाना भी आसान नहीं होता यहीं कारण हैं। की इसके बैलाडीला में होने की जानकारी अब तक नहीं थी।