गजानंद निषाद, साल्हेओना बरमकेला। बरसात के अंतिम महीनों में पीडब्ल्यूडी द्वारा सड़क की गड्ढ़ों पर डब्ल्यूबीएम कार्य शुरू किया गया है। इन्हें मुरुम के स्थान पर मिट्टी से भरकर पाट दी जा रही है जिससे वाहनों के गुजरते ही धूल उड़ रहे है। हल्की बारिश भी हुई तो यही मिट्टी कीचड़ बनकर सड़क पर फैलने की आंशका है। ऐसी स्थिति में आवागमन करने में परेशानी होगी, लेकिन विभाग को इससे फर्क नहीं पड़ रहा है। मुख्य मार्ग चंद्रपुर-बरमकेला के तहत मानिकपुर, बरगांव, धोबनीपाली, साल्हेओना के पास की पक्की सड़क की गड्ढ़ों में पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा डब्ल्यूबीएम काम करा रही है लेकिन कार्य में कोई मानक स्तर का न होकर केवल कामचलाऊ कर दी जा रही है। यह सर्वविदित है कि ओवरलोड वाहनों के दबाव ऊपर से तेज बारिश से सड़क की हालत खस्ता हो चुकी है। जगह-जगह गड्ढ़े बने हुए है और डामर भी उधड़ गई है। ऐसे में विभाग ने काम तो शुरू करा दिया लेकिन मुरुम के बजाय मिट्टी से इन गड्ढ़ों को पाट रहे है। यही मिट्टी सड़क किनारे से उठाकर डाला जा रहा है। गड्ढ़ों में भरे गए मिट्टी अब धूल बनकर उड़ रहे है। बारिश होगी तो सड़क में कीचड़ बनकर फैल जाएगा। इन दोनों परिस्थितियों में दो पहिया व चार पहिया वाहन चालकों के लिए परेशानी होगी, लेकिन विभागीय अधिकारियों को इन सब से कोई लेना देना नहीं है। फिलिंग कार्य केवल औपचारिकतावश करा दी जा रही है। फिल्ड वर्क में क्या हो रहा है कोई किसी को मतलब नहीं रख रहा है।
गुणवत्ता का नहीं हुआ था पालन: इस मेनरोड के अलावा सरिया से बरमकेला हो या बरमकेला से नवापारा बड़े का हो। ये सारे सड़क की हालत सबसे खराब है। सड़क निर्माण के दौरान गुणवत्ता की अनदेखी कर बना दिया गया था। विभाग व ठेकेदारों की लापरवाही का खामियाजा अब क्षेत्रवासियों को उठाना पड़ रहा है।
वर्सन
15 अक्टूबर के बाद इस सड़क में पैंचवर्क शुरु करा दी जाएगी। अभी गड्ढ़ों को फिलिंग के लिए मिट्टी, मुरुम से काम करा रहे है। नयी सड़क निर्माण के लिए स्टीमेट बनाकर भेज दी गई है।
संजय देवांगन, सब इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी बरमकेला