Zomato Shares : ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato Shares Price) के तिमाही नतीजे आने के बाद शेयरों को झटका लगा। हालांकि यह झटका कमजोर मार्केट सेंटिमेंट में मुनाफावसूली के दबाव में दिखा जिसके चलते शेयर 5 फीसदी से अधिक टूट गए। हालांकि फिर रिकवरी हुई और अब यह ग्रीन जोन में आ गया है।
सितंबर तिमाही के धांसू नतीजे के बाद जोमैटो के शेयरों पर ब्रोकरेज का भरोसा और बढ़ा है। ऐसे में मौजूदा गिरावट को निवेश के सुनहरे मौके के तौर पर देखना चाहिए।
वैसे भी जोमैटो के शेयर रिकॉर्ड हाई 298.20 रुपये से काफी नीचे हैं और ब्रोकरेज ने जो टारगेट दिया है, वह रिकॉर्ड हाई से भी 24 फीसदी अपसाइड है। फिलहाल BSE पर यह 1.23 फीसदी की बढ़त के साथ 259.35 रुपये पर है। इंट्रा-डे में यह 242.45 रुपये तक टूट गया था और रिकवर होकर 263.50 रुपये के भाव तक पहुंच गया था।
कैसी रही सितंबर तिमाही (Zomato Shares Price)
सितंबर तिमाही में जोमैटो का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 388% बढ़कर 176 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। लगातार पांचवी तिमाही में जोमैटो को मुनाफा हुआ है। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू भी 68.50 फीसदी बढ़कर 4799 करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा कंपनी के बोर्ड ने क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के जरिए 8500 करोड़ रुपये का फंड जुटाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी
ब्रोकरेज का क्या है रुझान
वैश्विक ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने इसकी आउटपरफॉर्म रेटिंग को बरकरार रखा है लेकिन टारगेट प्राइस को 353 रुपये से बढ़ाकर 370 रुपये कर दिया है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि जोमैटो के अंदर हाई कॉम्पटीशन वाले फूड डिलीवरी इंडस्ट्री में अपना दबदबा बढ़ाने का अच्छा-खासा दम है।
एचएसबीसी ने भी इसे 330 रुपये के टारगेट प्राइस पर खरीदारी की रेटिंग दी है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि सितंबर तिमाही में फूड डिलीवरी के आंकड़े उम्मीद के मुताबिक ही रहे जबकि क्विक कॉमर्स सेगमेंट के आंकड़े तो उम्मीद से काफी बेहतर निकले।
नोमुरा ने इसे 320 रुपये के टारगेट प्राइस पर खरीदारी की रेटिंग दी है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि क्विक कॉमर्स सेगमेंट तेजी से आगे बढ़ रही है जबकि फूड डिलीवरी बिजनेस स्थायी तरीके से आगे बढ़ रही है। जोमैटो की योजना नियर टर्म में EBITDA को न्यूट्रल रखते हुए क्विक कॉमर्स को तेजी से आगे बढ़ाने का है।
एक और ब्रोकरेज नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने इसकी खरीदारी की रेटिंग को बरकरार रखा है लेकिन टारगेट प्राइस भी बढ़ाकर 285 रुपये से 325 रुपये कर दिया है। नुवामा का मानना है कि ब्लिंकिट के डार्क स्टोर्स की संख्या में उम्मीद से तेज बढ़ोतरी होगी जिससे इसकी ग्रोथ में उम्मीद से अधिक अधिक होगी। हालांकि हायर एकमुश्त कॉस्ट स्ट्रैटेजी के चलते प्रॉफिटेबिलिटी में देरी हो सकती है।