Vivek Dhand Resigned : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड (Vivek Dhand) ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्य सचिव अमिताभ जैन को भेजा है। ढांड इस वक्त प्रदेश सरकार के नवाचार आयोग के अध्यक्ष पद पर काम कर रहे थे। उन्होंने सरकार बदलने के बाद ये पद छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि नई सरकार बर्खास्त करने की तैयारी में भी थी।
कांग्रेस सरकार ने विवेक ढांड को नया आयोग बनाकर उसका प्रमुख बनाया था। 2017 में रिटायर हो चुके ढांड इससे पहले रेरा के चेयरमैन रहे। वहां से रिटायरमेंट के बाद उन्हें आयोग की कुर्सी दी गई थी। माना जा रहा है कि कांग्रेस सरकार से संबंध बेहतर होने की वजह से उन्हें पद दिए जाते रहे।
राज्य सरकार को सुझाव देने के उद्देश्य से ‘छत्तीसगढ़ राज्य नवाचार आयोग‘ का गठन किया था। यह आयोग प्रशासनिक नवाचारों, जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सरकार को सुझाव दे सकता था।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ढांड को आयोग से बर्खास्त किए जाने की तैयारी थी। सरकार ने इस आयोग को ही औचित्यहीन माना है। जल्द ही आयोग के अध्यक्ष को हटाने का आदेश भी जारी किया जाना था। मगर इसकी भनक रिटायर्ड IAS को लगी और उन्होंने इस्तीफा दे दिया। हालांकि आधिकारिक तौर पर दिए गए इस्तीफे में ढांड की ओर से व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा देने की बात लिखी गई है।
भाजपा सरकार रहते हुए ढांड अहम विभागों के सचिव और मुख्य सचिव बने थे, मगर अक्सर उनकी सरकार से खींचतान होती रही। वे पहले भाजपा सरकार के वक्त मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में काम कर चुके थे। हालांकि मुख्यमंत्री की नाराजगी के चलते उन्हें उनके सचिव पद से हटना पड़ा था, लेकिन इस बीच उन्होंने गिले-शिकवे दूर किए और प्रदेश के मुख्य सचिव बने।
कांग्रेस सरकार आने के बाद प्रमुख पदों पर ढांड को रिटायरमेंट के बाद संविदा नियुक्तियां मिलती रहीं। अब माना जाने लगा है कि कांग्रेस के अधिक करीब होने की वजह से सरकार बदलने पर उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया है।
विवेक ढांड ने सबसे लंबे समय तक मुख्य सचिव होने का रिकॉर्ड बनाया है। उनसे पहले 1977 बैच के पी जॉय उम्मेन सर्वाधिक समय तक मुख्य सचिव रहे हैं। 1981 बैच के छत्तीसगढ़ के मूल निवासी ढांड 1 मार्च 2014 को मुख्य सचिव बने थे। वो नौकरशाही के सबसे ऊंचे पद पर बैठने के मामले में 3 साल 7 महीने 25 दिनों तक रिकॉर्ड कायम कर गए, जबकि उम्मेन 3 साल 7 महीने ही सीएस रहे थे।
नवंबर 2000 में बने छत्तीसगढ़ के पहले सीएस अरुण कुमार भटनागर बने थे। इसके बाद एसके मिश्रा, अशोक विजयवर्गीय, रामप्रकाश बगई, शिवराज सिंह, पी जॉय उम्मेन, सुनील कुमार और विवेक ढांड सीएस बने थे। इनमें से उम्मेन और ढांड के अलावा किसी का भी कार्यकाल 2 साल से अधिक नहीं रहा। एक को छोड़कर उम्र की वजह से सभी रिटायर हो गए। सर्वाधिक ताकतवर चीफ सेक्रेटरी शिवराज सिंह और सुनील कुमार का कार्यकाल भी 2 साल से कम ही रहा।