Chhattisgarh News : “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के द्वारा प्रदेश में वर्षों से रुकी हुई प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जल्द से जल्द जारी करवाने शासन से मांग की जा रही हैं। इस कड़ी में 25 जून को बिलासपुर में हुई बैठक में “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने घोषणा की है कि 26 जून से प्रारंभ हो रहे नए शिक्षण सत्र में प्रदेश के “टी” तथा “ई” संवर्ग के हजारों नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठक माध्यमिक शाला द्वारा वर्षों से अपनी प्राचार्य पदोन्नति नहीं होने से क्षुब्ध होकर अपने पदनाम के आगे “वरिष्ठ व्याख्याता” एवं “वरिष्ठ प्रधान पाठक” (Senior Lecturer-Senior Hm) लिखेंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत “टी” संवर्ग में वर्ष 2013 से तथा “ई” संवर्ग में वर्ष 2016 के बाद से हाई स्कूल तथा हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य पद पर पदोन्नति (Senior Lecturer-Senior Hm) नहीं की गईं हैं । राज्य में 3266 से अधिक शासकीय हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूलों में वर्षों से प्राचार्य के पद रिक्त पड़े हैं।
11 वर्षो से प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं होने से “टी” तथा “ई” संवर्ग के सैकड़ों नियमित व्याख्याता तथा नियमित प्रधान पाठक सेवानिवृत्त हो गए हैं। प्राचार्य पद पर पदोन्नति का रास्ता देखते-देखते अनेकों व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों की मृत्यु हो गईं हैं। प्रत्येक माह लगातार अनेक वरिष्ठ व्याख्याता और वरिष्ठ प्रधान पाठक प्राचार्य पदोन्नति (Senior Lecturer-Senior Hm) का रास्ता देखते- देखते सेवानिवृत होते जा रहे हैं।
अत: 26 जून से प्रारंभ हो रहे नए शिक्षण सत्र में प्रदेश के हजारों नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठक माध्यमिक शाला द्वारा अपनी प्राचार्य पद पर पदोन्नति (Senior Lecturer-Senior Hm) नहीं होने से क्षुब्ध होकर शासन को संदेश देने के लिए अपने पदनाम के आगे “वरिष्ठ व्याख्याता” तथा “वरिष्ठ प्रधान पाठक माध्यमिक शाला” लिखेंगे, ताकि स्कूल शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा वर्षों से रूकी हुई प्राचार्य पदोन्नति की प्रक्रिया को तत्काल शुरू करके चुनाव आचार संहिता लगने के पूर्व प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जारी किया जा सकें।
प्रदेश में कई वर्षों से बाधित रही प्राचार्य पदोन्नति की विभागीय प्रकिया को शीघ्र प्रारंभ कर हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य के रिक्त सभी पदों पर प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जारी करने की शासन से प्रबल मांग की हैं। प्राचार्य पद पर पदोन्नति देने से शासन को कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आयेगा, क्योंकि पदोन्नति प्राप्त करने वाले सभी नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठक वर्तमान में प्राचार्य पद का ही वेतन और पे स्केल प्राप्त कर रहें हैं।
प्रदेश के इन वरिष्ठ व्याख्याता और प्रधान पाठकों को प्राचार्य पद पर पदोन्नति मिलने से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में समुचित सुधार आयेगा, क्योंकि प्रदेश के 3266 से अधिक शासकीय हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में वर्षों से प्राचार्य के पद रिक्त पड़े हैं , जहां पूर्णकालिक प्राचार्य के नहीं होने से केवल प्रभारियों के भरोसे से संचालित हो रहें इन स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा की बैठक में प्रमुख रूप से – त्रिवेणी प्रसाद झारिया , सी. आर. पैकरा, विसंभर सिंह, एस. एन. शिव, अलका गांगुली आदि सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किए। “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा ” ने शासन से प्राचार्य पदोन्नति के लिए तत्काल एक निश्चित समयबद्ध कार्यक्रम ( Time Table ) जारी कर , समस्त विभागीय प्रक्रिया को पूर्ण करके चुनाव आचार संहिता लगने के पूर्व प्राचार्य पद पर पदोन्नति का आदेश जारी करने की मांग की है।