कृषि क्षेत्र में किसानों को बेहतर और विश्वसनीय बीज (Seed Bill 2025) उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार Seed Bill 2025 लाने की तैयारी में है। इस नए बिल का मुख्य मकसद नकली और निम्न गुणवत्ता वाले बीजों के कारोबार पर पूरी तरह रोक लगाना है। बिल में हर बीज पैकेट पर QR कोड या बारकोड तकनीक अनिवार्य करने की योजना है। किसान अपने स्मार्टफोन की मदद से इसे स्कैन कर तुरंत असली और नकली बीज की पहचान कर सकेंगे।
(Seed Bill 2025) नकली बीजों पर सख्त नियंत्रण
सरकार 1966 के पुराने बीज (Seed Bill 2025) कानून को बदलकर नया Seed Bill 2025 पेश करने जा रही है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, यह बिल आगामी बजट सत्र में पेश किया जा सकता है। बिल के अंतिम रूप से पहले सरकार ने किसानों, विशेषज्ञों और संबंधित संस्थाओं से सुझाव और राय ली है। इस कानून का सबसे बड़ा उद्देश्य किसानों तक असली और गुणवत्तापूर्ण बीजों की पहुंच सुनिश्चित करना है।
किसानों को अब असली बीज पहचानने में किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। नया बिल पारदर्शी और मजबूत व्यवस्था लाने वाला है। हाइब्रिड या देसी बीज सभी को बाजार में बेचने से पहले सरकारी रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक होगा।
QR कोड और ऑनलाइन पोर्टल से पूरी जानकारी
हर बीज पैकेट पर QR कोड लगाना अनिवार्य होगा। किसान केवल अपने मोबाइल फोन से इसे स्कैन कर पता लगा सकेंगे कि बीज असली है या नकली। इसके अलावा किसान को बीज की कंपनी, एक्सपायरी डेट, प्रकार और अन्य संबंधित जानकारी भी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।
गुणवत्ता जांच (VCU) अनिवार्य
बीज (Seed Bill 2025) को बाजार में आने से पहले सख्त गुणवत्ता जांच से गुजरना अनिवार्य होगा। इसे तकनीकी भाषा में VCU (Value for Cultivation and Use) कहते हैं। इसका अर्थ है कि बीज कंपनी को पहले प्रमाणित करना होगा कि उनका बीज खेत में वाकई अच्छी पैदावार देगा या नहीं, तभी उसे बिक्री की अनुमति दी जाएगी।
किसान का अधिकार
किसान खेत में अपने बीज (Seed Bill 2025) को बचाकर दोबारा बो सकते हैं और गांव के अन्य किसानों के साथ भी बदल सकते हैं। धारा 34 वाला भारी जुर्माना किसानों पर लागू नहीं होगा। हालांकि, किसान अपने बीज पर “ब्रांड नेम” लगा कर बेच नहीं सकता। ऐसा करने पर वे व्यापारी माने जाएंगे और नियम उन पर भी लागू होंगे।
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कंपनियों को पालन करना होगा सख्त नियम
Seed Bill 2025 लागू होने के बाद, बड़ी और छोटी सभी बीज कंपनियों को सख्त नियमों का पालन करना होगा। बीज बनाने और प्रोसेस करने वाली प्रत्येक यूनिट का राज्य सरकार के पास रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। गैराज या अस्थायी जगह में पैकिंग संभव नहीं होगी। इसके लिए मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर और लेबोरेटरी की आवश्यकता होगी।
कंपनियों को मल्टी-लोकेशनल ट्रायल के परिणाम भी सरकार को जमा करने होंगे। यानी बीज को अलग-अलग इलाके और मौसम में परखा जाएगा। इसके अलावा कंपनियों को अपने स्टॉक, बिक्री और एक्सपायरी डेटा नियमित रूप से सरकारी पोर्टल पर अपडेट करना होगा। साथ ही बीज बेचने वाले सभी डीलर और डिस्ट्रीब्यूटर भी सरकारी रजिस्ट्रेशन में शामिल होने होंगे।


