सारंगढ़। छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में स्थित गोमर्डा अभ्यारण्य। यहां पर बहुत से पठारी क्षेत्र है और यह अभ्यारण्य 275 वर्ग किलोमीटर में फैला बहुत ही आकर्षक स्थल है। गोमर्डा अभ्यारण्य में विभिन्न प्रकार के जंगली जानवर पाए जाते है जिनमें विभिन्न प्रकार के हिरण एवं जंगली भैंसा विशेष है। इसके आलावा भी अन्य जंगली जानवर जैसे निलगिरी, सांबर, गौर, जंगली कुत्ता एवं सियार, भालू व तेंदुआ भी पाए जाते है। गोमर्डा अभ्यारण्य में पानी की कमी होने के कारण जंगली जानवर अपनी प्यास बुझाने के लिए अभ्यारण्य से लगे गांवों की ओर रूख करते हैं। और गांव के आवारा कुत्तों का शिकार हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामला कल सामने आया। जब जिले के सरसावी उप तहसील से 1 लगे हुए ग्राम हरदी में नीलगाय अपनी प्यास बुझाने के लिए बस्ती पहुंच गई। ग्रामीणों ने बताया कि नीलगाय को गांव से लगे एक सूखी डबरीनुमा तालाब के पास देखा गया। जैसे ही नीलगाय आने की खबर गांव में पहुंची तो देखने वालों की भीड़ लग गई। लोगों द्वारा अपने मोबाईल से नीलगाय के पास खड़ा होकर सेल्फी और फोटो ली। इस बीच नीलगाय के आने की खबर वन विभाग के अधिकारियों को दी गई। वन विभाग के अधिकारी द्वारा हरदी पहुंच कर नीलगाय की जानकारी लेते हुए और स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए पशु चिकित्सा सरसीवां को बुलवाया गया। जहां पशु चिकित्सक और उनके टीम के पहुंचने से पहले ही एक नीलगाय की मौत हो गई। पशु चिकित्सक डॉक्टर रात्रे और उनके टीम द्वारा मृत नीलगाय का पोस्टमार्टम किया। इसके बाद विधिवत नीलगाय का दाह संस्कार किया गया। बिलाईगढ़ रेंजर आसीफ खान ने बताया कि जंगल से भटक कर नीलगाय गांव पहुंची थी। जहां पर कुत्तों द्वारा नीलगाय को दौड़ा रहे थे। ज्यादा दौडऩे की वजह से नीलगाय थक चुकी थी। इससे उसकी मौत हो गई।