Raipur News : छत्तीसगढ़ में अब रेत (Sand Price Increase CG) भी महंगी हो गई है। महज 15 दिनों में ही रेत के दाम करीब दो से तीन गुना तक बढ़ गए हैं। पिछले करीब तीन सप्ताह में एक ट्राली रेत पर 9 सौ से लेकर 1100 रुपए तक की वृद्धि हुई है। एक ट्रैक्टर ट्राली रेत अब राजधानी रायपुर में 25 सौ रुपए तक में बिक रही हैं।
रेत महंगी (Sand Price Increase CG) होने से भवन निर्माण की लागत पर भी खासा असर पड़ा है। प्रदेश में पानी गिरते ही रेत महंगी हो गई है। 30 जून तक 800 फीट रेत से भरा डंपर करीब 10 हजार रुपए में आ रहा था, जो कि अब करीब 20 हजार में आ रहा है। कई जगहों पर तो एक ट्रक रेत 22 हजार रुपए से अधिक पड़ रही है। इसमें भी ग्राहक को ठगा जा रहा है। सौ घन फ ीट बताकर करीब 70 से 80 घन फ ीट रेत ही दी जा रही है।
रेत महंगी होने से भवनों की निर्माण लागत भी करीब 5 से 7 प्रतिशत बढ़ गई है। वर्तमान में 15 अक्टूबर तक खदानों से रेत निकालने पर रोक लगी हुई है। बावजूद इसके प्रदेश के हर जिले में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन धड़ल्ले से संचालित है।
वहीं बारिश आने के पहले ही रेत माफिया भारी मात्रा में रेत का अवैध स्टॉक डंप कर चुके थे। इसे अब दो से तीन गुना अधिक दामों पर बेचा जा रहा है। आम आदमी की पहुंच से रेत दूर हो चुकी है, लेकिन इस पर नियंत्रण करने सरकार कोई पहल नहीं कर रही है। इससे लोगों में भारी आक्रोश पनप रहा है।
सिर्फ रेत (Sand Price Increase CG) ही नहीं ईंट, गिट्टी, लोहा से लेकर सीमेंट तक सभी काफ ी महंगी हो गई हैं, लेकिन इन सबसे ज्यादा महंगी रेत ने शहर के अधिकांश निर्माण कार्य रोक दिए हैं। मकान का निर्माण करवाने लोग रेट कम होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन जब सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है तो इस पर नियंत्रण कहां से हो पाएगा।
सीमेंट कंपनियों ने भी मनमाने तरीके से प्रति बोरी 30 से 40 रुपए की बढ़ोतरी कर दी है, जो सीमेंट सितंबर तक 285 से 295 रुपए तक मिल रही थी। वर्तमान में इसकी कीमत 325 से 340 रुपए तक हो गई है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में ही सीमेंट का सबसे अधिक उत्पादन होता है। बावजूद यहीं के लोगों को कम कीमत पर सीमेंट उपलब्ध नहीं होता।