RBI Monetary Policy : लोन सस्ता, EMI कम! RBI ने रेपो रेट घटाकर आम आदमी को दी राहत

By admin
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RBI News Today : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI Monetary Policy) ने आम जनता के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज (06 जून 2025, शुक्रवार) समाप्त होने के बाद, आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने रेपो रेट (Repo Rate) में एक बार फिर कटौती की जानकारी दी है। एमपीसी ने सर्वसम्मति से नीतिगत दर को 50 बेसिस पॉइंट घटाकर 5.5% करने का निर्णय लिया है, जो तुरंत प्रभाव से लागू होगा।

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यह लगातार तीसरी बार है जब रेपो रेट (RBI Monetary Policy) में कटौती की गई है। पिछली दो एमपीसी बैठकों में भी ब्याज दरें 25-25 बेसिस पॉइंट कम की गई थीं। इस बैठक के निर्णय से लोगों के लिए लोन लेना सस्ता हो जाएगा, और जिनकी कार, घर या अन्य ईएमआई चल रही हैं, उनमें भी कमी आएगी। सरल शब्दों में, आरबीआई के इस निर्णय से आम जनता की आर्थिक बोझ कम होगा।

आरबीआई गवर्नर बोले (RBI Monetary Policy)

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने एमपीसी बैठक में लिए गए निर्णयों की घोषणा करते हुए कहा कि देश में महंगाई दर लगातार 4 प्रतिशत से नीचे बनी हुई है और जीडीपी वृद्धि भी सकारात्मक स्थिति में है।

इसी को ध्यान में रखते हुए, स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) की दर को 5.75% से घटाकर 5.25% किया गया है। इसके साथ ही, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) की दर को भी 6.25% से घटाकर 5.75% कर दिया गया है। गवर्नर के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य आर्थिक वृद्धि को समर्थन प्रदान करना है।

आरबीआई के गवर्नर (RBI Monetary Policy) ने बताया कि रेपो रेट में तीन बार 100 बीपीएस की कटौती की गई है, जिससे यह अब 5.5 प्रतिशत पर आ गया है। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2026 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत लगाया है।

पहले तिमाही में यह 6.5%, दूसरी तिमाही में 6.7%, तीसरी तिमाही में 6.6% और चौथी तिमाही में 6.3% रहने की उम्मीद है। इसके साथ ही, महंगाई के अनुमान को 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया गया है।

रेपो रेट क्या है (RBI Monetary Policy)

रेपो रेट वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) वाणिज्यिक बैंकों और अन्य बैंकों को ऋण प्रदान करता है। जब रेपो रेट घटता है, तो बैंकों द्वारा दिए जाने वाले सभी प्रकार के ऋण सस्ते हो जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आपकी जमा पर ब्याज दर भी बढ़ जाती है।

 

 

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