Friday, November 22, 2024
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Railbow Squirel : छत्तीसगढ़ के जंगल में अब दुर्लभ इंद्रधनुषी गिलहरी दिखी, 20 फीट तक लगाती है छलांग

Rare Railbow Squirel : छत्तीसगढ़ के जंगलों में कभी-कभी कई प्रकार के दुर्लभ जीव जंतु देखने को मिलते हैं इनके दर्शन कभी-कभी ही होते हैं। ऐसा ही एक मामला सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड अंतर्गत मतिरंगा जंगल से सामने आया है। यहां एक पक्षी प्रेमी ने दुर्लभ इंद्रधनुषी गिलहरी (Railbow Squirel) को अपने कैमरे में कैद किया है, इसे मालाबार जायंट गिलहरी के नाम से भी जाना जाता है। उसके शरीर पर कई रंग पाए जाते हैं इस कारण इसे इंद्रधनुषी गिलहरी कहा जाता है।

सरगुजा जिला पहाड़ों व वनों से आच्छादित है। यहां तरह-तरह के जीव जंतु विचरण करते हैं कई दुर्लभ पक्षी या जीव दूसरे राज्यों से यहां पहुंच जाते हैं। इसी बीच एक दुर्लभ जीव मालाबार जायंट गिलहरी (Railbow Squirel) सरगुजा के मतरिंगा जंगल में देखने को मिली है।

इसके शरीर पर काला, पीला, भूरा, नारंगी, लाल सहित कई अन्य रंग होते हैं, इस कारण इसे इंद्रधनुषी गिलहरी (Railbow Squirel) भी कहते हैं। यह गिलहरी दक्षिण भारत व मध्य भारत में मिलते हैं। सरगुजा जिले के लिए यह पहला मौका है जब इंद्रधनुषी गिलहरी को किसी ने देखा हो। इंद्रधनुषी गिलहरी को पक्षी प्रेमी प्रतीक ठाकुर ने अपने कैमरे में कैद किया है।

20 फीट तक लगाती है छलांग : मालाबार जायंट गिलहरी या इंद्रधनुषी गिलहरी डेढ़ से 3 फ ीट तक लंबी होती है। यह एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर करीब 20 फीट की छलांग लगा सकती है। यह ऊंचे पेड़ों पर रहती है ताकि कोई इसका शिकार न कर सके। अमूमन तेंदुए, बाज, उल्लू, लायन टेल मकाउ बंदर इसका शिकार करते हैं।

महाराष्ट्र में राजकीय जीव का दर्जा है प्राप्त : मालाबार ज्वाइंट गिलहरी या इंद्रधनुषी गिलहरी को महाराष्ट्र में राजकीय जीव का दर्जा प्राप्त है। इसे महाराष्ट्र में शेकारू कहते हैं। यह अपना घोंसला ऊंचे पेड़ों पर छोटी टहनियों पर बनाती है। यह शाकाहारी होती है तथा फ ल फूल नट्स खाती है।