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Pm Pranam Yojana : पीएम मोदी 27 को किसानों के लिए इस खास योजना की करेंगे शुरुआत, जानिए

Chhattisgarh News : पीएम नरेंद्र मोदी 27 जुलाई को राजस्थान दौरे पर रहेंगे। वहां सीकर में एक विशाल जन सभा को संबोधित करेंगे। इसी सभा से पीएम मोदी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 14वीं किस्त की राशि किसानों के खातों में ट्रांसफर करेंगे। साथ ही किसानों के लिए ‘पीएम प्रणाम योजनाÓ (Pm Pranam Yojana) की शुरुआत भी करेंगे।

मंगलवार को राजधानी रायपुर में पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू और भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने प्रेस वार्ता में बताया कि पीएम मोदी किसानों के खातों में 20 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफ र करेंगे। इसमें छत्तीसगढ़ में 40 लाख से अधिक पंजीकृत किसान हैं। इनमें से लगभाग 21 लाख किसानों को ही सम्मान निधि का लाभ मिल पा रहा है।

भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन की लापरवाही और दुराग्रह के कारण 20 लाख से अधिक किसान यहां सम्मान निधि से वंचित हैं। भाजपा नेता द्वय ने कहा कि कांग्रेस सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह केवायसी आदि की कार्यवाही पूर्ण कर आंकड़े दिल्ली भेजे लेकिन जान-बूझ कर इस काम में प्रदेश सरकार लापरवाही कर रही है ताकि प्रदेश के किसानों को केंद्र की योजना का लाभ नहीं पहुंचे।

क्या है पीएम प्रणाम योजना : प्रणाम योजना (Pm Pranam Yojana) के जरिए केंद्र सरकार की कोशिश किसानों को रासायनिक उर्वरकों की जगह वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना है। इससे सरकार पर सब्सिडी का बोझ कम होगा और खेती में अन्य उर्वरकों के इस्तेमाल से खेती की गुणवत्ता बेहतर होगी। साथ ही किसानों को भी फ ायदा होगा, क्योंकि इससे खेती की लागत कम हो सकती है।

इस योजना का उद्देश्य : जैव उर्वरकों और जैविक उर्वरकों के संयोजन के साथ उर्वरकों के संतुलित उपयोग को प्रोत्साहित करना है। रासायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी के बोझ को कम करना, जो 2022-23 में 2.25 लाख करोड़ रुपए तक पहुँचने का अनुमान है 2021 के 1.62 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े से 39 प्रतिशत अधिक है।

केंद्र सरकार ने उर्वरक सब्सिडी के लिए 3.68 लाख करोड़ का पैकेज घोषित किया है। जो राज्य सरकार अधिकाधिक वैकल्पिक खाद के प्रयोग को बढ़ावा देकर रासायनिक खाद का प्रयोग काम करेगी उसे बची हुई सब्सिडी की राशि का हिस्सा दी जाएगी। इससे अधिक से अधिक जैविक खाद को प्रोत्साहन मिलेगा।

उर्वरक उपयोग को कम करने की कोशिश : सब्सिडी बचत का 50 प्रतिशत उस राज्य को अनुदान के रूप में दिया जाएगा जो पैसा बचाता है। योजना (Pm Pranam Yojana) के तहत प्रदान किये गए अनुदान का 70 प्रतिशत गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरकों और वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों के तकनीकी अपनाने से संबंधित परिसंपत्ति सृजन के लिये उपयोग किया जा सकता है।

शेष 30 प्रतिशत अनुदान राशि का उपयोग किसानों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूहों को पुरस्कृत करने तथा प्रोत्साहित करने के लिये किया जा सकता है जो उर्वरक उपयोग को कम करने व जागरूकता पैदा करने में शामिल हैं।

3.68 लाख का पैकेज घोषित किया : वर्ष 2020-21 में मोदी जी की सरकार ने 1.62 लाख करोड़ रुपए का खाद अनुदान दिया था। और वर्ष 2022 के दौरान यह 2.25 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर सकता है। अगले तीन वर्षों के लिए मोदी सरकार ने 3.68 लाख का पैकेज घोषित किया है।

केंद्र ने अक्तूबर 2016 से उर्वरकों में डीबीटी की शुरुआत की, जिसके तहत विभिन्न उर्वरक ग्रेड पर उर्वरक कंपनियों को खुदरा विक्रेताओं द्वारा लाभार्थियों को की गई वास्तविक बिक्री के आधार पर 100त्न सब्सिडी जारी की जाती है। इसके अलावा देश भर ने किसान किसान समृद्धि केंद्रो से प्रधानमंत्री मोदी जी का धन्यवाद देंगे। छत्तीसगढ़ में ऐसे लगभग 2 हजार केंद्र है किसान सम्मान समृद्धि केंद्रो से किसानों के हित की सारी योजनाओं की बहुत सी जानकारियां प्रदान की जाती है।

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